कहानी उस रात की जब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम अपने दो भाइयों के साथ भारत छोड़कर भाग गया

पत्रकार और लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'डोंगरी टू दुबई' के मुताबिक, मुंबई के पास स्थित डोंगरी इलाके को गैरकानूनी काम और अराजकता के लिए जाना जाता है. हाजी मस्तान, करीम लाला और वासु दादा सरीखे माफिया भी यहां से निकले. उसी डोंगरी से दाऊद निकला. दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म 1955 में मुंबई में हुआ था.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर देने की खबरें सामने आ रही हैं. दावा किया जा रहा है कि वह कराची की अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. सोमवार सुबह से पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर इस खबर की किसी ने पुष्टि नहीं की है. दाउद भारत का दुश्मन है और मुंबई धमाकों को अंजाम देने के बाद परिवार समेत भारत से फरार हो गया था. दाऊद ने 1993 में मुंबई बम विस्फोटों और 26/11 जैसे आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है. भारत से भागकर दाउद पहले दुबई गया फिर वहां से पाकिस्तान पहुंच गया. 

कराची में दाऊद का बंगला है

दाऊद का कराची में जिस गली में बंगला है, वो नो-ट्राइपास जोन है और वहां पर पाकिस्तानी रेंजर्स का कड़ा पहरा रहता है. दाऊद को  ISIS का भी संरक्षण है. भारत ही नहीं अमेरिका ने भा दाउद को आतंकी घोषित कर रखा है. दाऊद, पांच भाई-बहन हैं. मुंबई ब्लास्ट के बाद दो भाई अनीस इब्राहिम और नूरा इब्राहिम दाऊद के साथ दुबई भागा था. साल 2007 में नूरा की करांची बम ब्लास्ट में मौत हो गई थी. दाऊद की पत्नी जुबीना जरीन उर्फ मेहजबीन मुंबई की रहने वाली है और वो दाऊद के साथ रहती है. दाऊद ने पाकिस्तान में पठान महिला से दूसरा निकाह किया है. दाऊद के चार बच्चे हैं. वो पत्नी और बच्चों के साथ रातोंरात भारत से फरार हो गया था. फिलहाल, दाऊद की पत्नी महजबीन अपने देवर अनीस के साथ मिलकर काला कारोबार चला रही है.

  डोंगरी इलाके की इमारत.
डोंगरी इलाके की इमारत.

 

जब दाऊद के ठिकाने पर पुलिस ने मारी रेड...

पत्रकार और लेखक एस हुसन जैदी की किताब, 'डोंगरी टू दुबई' के मुताबिक मे साल 1986 में को दाऊद को पुलिस खोज रही थी. दाऊद और मेहजबीन की शादी के ठीक 15 दिन बाद. एक दिन क्राइम ब्रांच की टीम ने आधी रात डी कंपनी के मुख्यालय मुसाफिरखाना में छापा मारा. यहां ग्राउंड फ्लोर में दाऊद का आलीशान ऑफिस था. पुलिस उस रात सिर्फ दाऊद के चचेरे-ममेरे भाइयों और उसके गुर्गों को ही गिरफ्तार कर पाई. पुलिस कमिश्नर डीएस सोमन ने दाऊद को पकड़ने के लिए फौरी वारंट जारी किया था. ऑपरेशन पूरी तरह सीक्रेट था. लेकिन, दाऊद एक कदम आगे निकला. वह परिवार समेत भारत छोड़ने का फैसला किया और रातों-रात गायब हो गया. बिना पासपोर्ट दुबई पहुंच गया?  

मुंबई हमले का बनाया प्लान

6 दिसंबर 1992 को हिंदूवादी संगठनों के एक हुजूम ने अयोध्या में एक मस्जिद (बाबरी ढांचे) को गिरा दिया. इसके बाद देश में तनाव का माहौल बन गया. देशभर में दंगे भड़के गए. मुंबई की सड़कों पर भी हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए. पाकिस्तान की ISI ने बदला लेने का प्लान बनाया और अपने तमाम हाकिमों को काम पर लगा दिया. आईएसआई ने दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम, मोहम्मद दोसा, टाइगर मेमन और ताहिर मर्चेंट समेत यूरोप में बसे कई दूसरे मुसलमान सरगनाओं को जुटाया. फिलिस्तीन मुक्ति संगठन, अफगान मुजाहिदीन और दुबई में बसे कई सारे धनाड्य को जिम्मेदारियां दीं.

'बाबरी ढांचे का बदला लेना चाहता था आईएसआई?

दाऊद ने आईएसएई के नेताओं के साथ दुबई, अबू धाबी, लंदन, कराची समेत दूसरे शहरों में षड्यंत्र की बैठकें कीं. मुंबई में ऑपरेशन को लीड करने की जिम्मेदारी टाइगर मेमन और मोहम्मद दोसा को दी गई. मेमन जानता था कि वो दाऊद की सहमति के बिना इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम नहीं दे पाएगा. नतीजन हड़बड़ी में कुछ और बैठकें बुलाई गईं. बाबरी मस्जिद विध्वंस के ठीक एक महीने बाद तीन हिंदुस्तानी युवाओं को हवाई जहाज से पाकिस्तान भेजा गया. वहां गोलीबारी से लेकर आरडीएक्स बिछाने तक की ट्रेनिंग दी गई. बाद में दुबई में गोपनीयता की शपथ दिलाई गई.   

मुंबई धमाकों से पहले भाग गया था टाइगर मेमन 

इन तीन हिंदुस्तानी युवाओं के दिमाग में जिहाद का जज्बा ठूंस-ठूंस भरा गया. उन्हें गुजरात दंगों में मुस्लिम महिलाओं के साथ ज्यादती के वीडियो दिखाए गए. इन युवाओं ने जबरदस्त हमलाकर बदला लेने का वादा किया गया. फरवरी 1993 में विस्फोटक सामग्री को महाराष्ट्र के रायगढ़ तट से मुंबई लाया गया. 12 मार्च 1993 को दस सिलसिलेवार बम धमाकों ने मुंबई में दहशत फैला दी. सुबह जब दाऊद के आदमियों ने मुंबई में आतंकी हमले के लिए बम रखने शुरू किए, उसके कई घंटे पहले टाइगर मेमन और उसका पूरा परिवार (बूढ़े मां-बाप, चार भाई, उनकी बीवियां) देश छोड़कर भाग चुके थे. पुलिस को टाइगर मेमन की भाभी रुबीना की वैन और उसके भाई याकूब मेमन का स्कूटर रास्ते में खड़ा मिला था. 

'मुंबई हमले में मारे गए थे 257 लोग'

1985 के बाद दाऊद इब्राहिम की पहली तस्वीर 2016 में सामने आई, जिसमें वो पूरा दिखाई दे रहा था. उसके बाद दाऊद की कोई तस्वीर पब्लिक डोमेन में नहीं आई. 12 मार्च, 1993 को मुंबई में 13 जगह ब्लास्ट हुए थे. इसमें करीब 257 लोगों की मौत हुई थी और 700 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. इस घटना के बाद भी दाऊद ने मुंबई में अपना गैरकानूनी कारोबार जारी रखा. इस घटना के बाद उसने भारत से भागकर पहले गल्फ देशों में फिर पाकिस्तान में जाकर पनाह ली.

 डोंगरी इलाके की बस्ती.
डोंगरी इलाके की बस्ती.


पुलिस कांस्टेबल का लड़का था दाउद 

दाऊद इब्राहिम के पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे, जबकि दाऊद अपराध और उगाही का इंटरनेशनल नेटवर्क यानी 'डी कंपनी' चलाता था. दाऊद का भाई अनीस इब्राहिम उसकी डी कंपनी को चलाने में मदद करता था. दाऊद का एक भाई इकबाल कासकर मुंबई में अपनी वाइफ और अपने तीन बच्चों के साथ रहता है. उस पर 2011 में जानलेवा हमला हुआ था. एस हुसैन जैदी की किताब 'डोंगरी टू दुबई' के मुताबिक, मुंबई के पास स्थित डोंगरी इलाके को गैरकानूनी काम और अराजकता के लिए जाना जाता है. हाजी मस्तान, करीम लाला और वासु दादा सरीखे माफिया भी यहां से निकले. उसी डोंगरी से दाऊद निकला. दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म 1955 में मुंबई में हुआ था. उसकी परवरिश मध्य मुंबई की एक झुग्गी बस्ती डोंगरी में हुई. दाऊद कम उम्र से ही चोरी, छिनौती, डकैती और धोखाधड़ी करने लगा था.1993 बम ब्लास्ट में उसे मुख्य आरोपी बनाया गया, तब वो पाकिस्तान के कराची में बैठकर मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर राज करता था. 

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18 December 2023, 04:43 PM IST

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