इटावा से अजीबो-गरीब घटना, सोया स्टेशन मास्टर, सिग्नल की ताक में खड़ी रही ट्रेन

Uttar Pradesh News: मामला यह है कि शुक्रवार( 3 मई) को इटावा के पास उदी मोड़ रोड स्टेशन पर पटना-कोटा एक्सप्रेस ट्रेन करीब आधे घंटे तक सिग्नल का इंतजार करती रही. यह रेलवे स्टेशन आगरा मंडल में पड़ता है, लेकिन आधे घंटे बाद भी ट्रेन नहीं चली. वजह यह थी कि स्टेशन मास्टर गहरी नींद में सो रहा था.

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Etawah: आए दिन हम सबको कई अजीबो गरीबों किस्से और घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है. जिसके बाद कई लोग तो अपना माथा पकड़ लेते हैं और कई लोग देखकर और सुनकर हैरान रह जाते हैं. हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसे सुनकर आपको गुसा भी आएगा और आप हैरान भी रह जाएंगे. ये मामला है उत्तर प्रदेश के इटावा रेलवे स्टेशन का है. जहां एक ट्रेन को सिग्नल न मिलने के चलते उसे आधे घंटे स्टेशन पर ही खड़ा रहना पड़ा.

ट्रेन का ड्राइवर हार्न बजाते-बजाते थक गया लेकिन कोई सिग्नल नहीं मिला और ट्रेन नहीं चल सकी. इस घटना से ट्रेन में बैठे सभी यात्री काफी परेशान और गुस्से में दिखे. ट्रेन के स्टेशन पर खड़े रहने के पीछे की वजह स्टेशन मास्टर के अपनी ड्यूटी के दौरान सो जाना है. 3 मई को हुई इस वारदात के बाद स्टेशन मास्टर को नोटिस जारी किया गया है और जांच की कार्रवाई भी की जा रही है.

जानिए क्या है पूरा मामला?

मामला यह है कि शुक्रवार( 3 मई) को इटावा के पास उदी मोड़ रोड स्टेशन पर पटना-कोटा एक्सप्रेस ट्रेन करीब आधे घंटे तक सिग्नल का इंतजार करती रही. यह रेलवे स्टेशन आगरा मंडल में पड़ता है, लेकिन आधे घंटे बाद भी ट्रेन नहीं चली. वजह यह थी  कि स्टेशन मास्टर गहरी नींद में सो रहा था. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए स्टेशन मास्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि स्टेशन मास्टर की यह लापरवाही एक बड़े हादसे का अंजाम दे सकती थी. 

स्टेशन मास्टर को जारी किया गया नोटिस

ऐसे में आगरा रेलवे मंडल पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव के अनुसार, मामले में संबंधित स्टेशन मास्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. उदी मोड रोड स्टेशन इटावा से पहले एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण स्टेशन है, क्योंकि आगरा के साथ-साथ झांसी से लेकर प्रयागराज तक की ट्रेनें इस स्टेशन से होकर गुजरती हैं.

स्टेशन मास्टर ने मांगी माफी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ट्रेन के लोको पायलट को स्टेशन मास्टर को जगाने और ट्रेन को आगे बढ़ाने के लिए कई बार हॉर्न बजाना पड़ा. स्टेशन मास्टर ने अपनी गलती पर माफी मांगी है. उसने अपने बचाव में कहा कि वह स्टेशन पर अकेले थे, क्योंकि ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी ट्रैक निरीक्षण के लिए गए थे.

अन्य ट्रेनों पर पड़ा असर

इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम ) तेज प्रकाश अग्रवाल ने इस मामलेको गंभीरता से लिया है, फिलहाल उनका फोकस ट्रेनों की टाइमिंग सुधारने पर है. अधिकारी कर्मचारियों को समय की पाबंदी का पालन करने के लिए आगाह कर रहे हैं. यही वजह है कि उस सेक्शन की ट्रेनें 90 फीसदी समय पर चल रही हैं, लेकिन एक स्टेशन मास्टर की लापरवाही ने न सिर्फ दूसरों की मेहनत पर पानी फेर दिया बल्कि ट्रेन परिचालन के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर दिया है.

First Updated : Monday, 06 May 2024