Telangana Election: कर्नाटक के रास्ते तेलंगाना में कांग्रेस चल रही बड़ा दांव? क्या इस तरह मिल पाएगी जीत!

Telangana Election: तेलंगाना की 119 सीटों पर कल गुरुवार यानी की 30 नवंबर को मतदान होना है. चुनाव प्रचार अब थम गया है. कांग्रेस पार्टी को तेलंगाना से बड़ी उम्मीदें हैं. पार्टी ने कर्नाटक की तर्ज पर तेलंगाना में भी कई वादे किये हैं....

JBT Desk
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हाइलाइट

  • कांग्रेस ने तेलंगाना में खेला पुराना दांव

Telangana Election: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार मंगलवार को खत्म हो गया और अब मतदाताओं की बारी है. राज्य की सभी 119 सीटों पर गुरुवार को वोटिंग होनी है. इस बार कांग्रेस और बीआरएस के बीच सीधी लड़ाई है तो बीजेपी और एआईएमआईएम ने इसे त्रिकोणीय बनाना चाह रही है.

बता दें कि कांग्रेस ने छह महीने पहले कर्नाटक में जिस सियासी फॉर्मूले से जीत हांसील की थी, अब उसी तर्ज पर पार्टी ने तेलंगाना में बीआरएस को हराने के लिए सियासी चाल चली है. कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत हासिल करने के लिए कर्नाटक की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले नेताओं को भी तेलंगाना की रणभूमि में उतार दिया था. 

कांग्रेस ने कर्नाटक में चार और तेलंगाना में छह गारंटी दी थी. इतना ही नहीं, कर्नाटक में जीत के हीरो रहे सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समेत कर्नाटक के 75 फीसदी मंत्रियों और नेताओं ने तेलंगाना में जोरदार प्रचार किया.ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या कांग्रेस कर्नाटक की तरह तेलंगाना में भी सत्ता हासिल कर पाएगी?

199 सीटें और टारगेट 75 प्लस
199 सीटों में से 75 प्लस सीटें जीतने का टारगेट कांग्रेस ने सेट कर रखा है. जिसकी जिम्मेदारी तेलंगाना के नेताओं के अलावा कर्नाटक के कांग्रेसी नेताओं के कंधों पर है. खासकर कर्नाटक सीमा से सटी सीट उन्हें दी गई है. कांग्रेस ने उन्हें तेलंगाना विधानसभा सीट पर पर्यवेक्षक नियुक्त कर जिम्मेदारी दी थी. तेलंगाना की महबूबनगर, नालगोंडा और मेंढक जैसी सीटें कर्नाटक से सटी हुई हैं. वहीं तेलंगाना से जुड़े हुए कर्नाटक के इलाके से ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आते हैं, इसी बात का फायदा कांग्रेस पार्टी उठाने की पूरी कोशिश करेगी.

कांग्रेस की कई बैठकें हैदराबाद में हुई

हैदराबाद में कांग्रेस ने कई बैठकों की है. कर्नाटक चुनाव प्रचार खत्म होते ही कांग्रेस ने तेलंगाना में प्रचार आभीयाल शुरू कर दिया. चुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस ने हैदराबाद में ही एक बड़ी बैठक आयोजित की थी. भारतीय युवा कांग्रेस का बड़ा अधिवेशन भी हैदराबाद में ही रखा गया था. इसके अलावा राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे तक ने जोरदार प्रचार किया, वहीं मंगलवार को सोनिया गांधी ने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की.

जहां एक तरफ कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन संभाल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सीएम सिद्धारमैया तेलंगाना के ओबीसी वोटों को अपने पाले में करने की कोशिश में लगे हुए हैं. खरगे के जरिए कांग्रेस दलित और आदिवासी को अपने तरफ करने की कवायद में जुटी हुई है. 

बता दें कि कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को तेलंगाना में पार्टी की कमान सौंपी. रेवंत रेड्डी के द्वारा सवर्ण वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है. रेवंत की PDP पृष्ठभूमि के होने की वजह से पीडीपी के वोट का झुकाव दिख रहा है. ,साथ ही जमीर अहमद खान के जरिए मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कांग्रेस ने किया है.

कर्नाटक की गारंटी का होगा असर?
तेलंगाना प्रचार में कांग्रेस ने कर्नाटक में अपनी पांच गारंटियों में से चार को लागू कर चुकी है बताया और साथ ही जल्द ही पांचवी गांरटी को जल्द लागू करने का आश्वासन भी दिया. यह बात कह कर कांग्रेस यह विश्वास दिला रही थी कि तेलंगाना में जिन छह गारंटियों का वादा किया है, वो सिर्फ वादा नहीं है बल्कि उसे लागु करके भी पार्टी दिखाएगी. तेलंगाना प्रचार में कर्नाटक के सभी मंत्री राज्य में लागू की गई गारंटियों की बात कही कि किस तरह से कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने वहां के लोगों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाएं लागू की हैं, ठीक उसी तरह तेलंगाना में भी किये गए वादे कांग्रेस लागू करने का काम करेगी.

तेलंगाना में केसीआर की 6 गारंटी
तेलंगाना में केसीआर के वादों के जवाब में कांग्रेस ने कुल छह गारंटी की घोषणा की है. जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी राज्य में बेरोजगारों से मुलाकात कर रहे थे तो डीके शिवकुमार से लेकर सिद्धारमैया तक सभी सीधे केसीआर पर हमला बोल रहे थे.

बता दें कि कांग्रेस ने बेरोजगार युवकों को रोजगार देने का वादा किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सभाओं और अपने कार्यक्रमों में कह रहे थे कि ये कांग्रेस के वादे नहीं बल्कि गारंटी हैं. इस तरह कांग्रेस ने तेलंगाना की चुनावी जंग जीतने के लिए बिसात बिछा दी है. ऐसे में देखना यह होगा कि कांग्रेस का यह कदम तेलंगाना में कितना सफल होता है?

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29 November 2023, 05:34 PM IST

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