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पश्चिम बंगाल OBC लिस्ट समीक्षा: 35 समुदाय हटाने पर केंद्र को सलाह, SC में मामला गर्माया

ओबीसी लिस्ट में बदलाव का अधिकार सिर्फ संसद और राष्ट्रपति के पास, NCBC की सिफारिश महज पहला कदम होता है. 102वें संशोधन नियम ने ये साफ कर दिया है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की केंद्रीय ओबीसी सूची में मुस्लिम समुदायों के शामिल होने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. इसी बीच राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने केंद्र सरकार को सिफारिश की है कि राज्य की ओबीसी सूची से 35 समुदायों को बाहर किया जाए, जिनमें अधिकांश मुस्लिम समुदाय हैं. आयोग की इस सिफारिश को राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.

एनसीबीसी के तत्कालीन अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहिर ने द हिंदू से बातचीत में बताया कि यह सिफारिश राज्य की ओबीसी सूची में मुस्लिम समुदायों की उच्च संख्या को ध्यान में रखते हुए की गई है. उन्होंने कहा कि इस सूची में 35 समुदाय हैं, जिनमें अधिकांश मुस्लिम समुदाय हैं. कुछ एक गैर-मुस्लिम समुदाय भी हो सकते हैं.

जनवरी 2025 में केंद्र को भेजी गई थी सिफारिश

सामाजिक न्याय मंत्रालय ने संसद को सूचित किया कि आयोग ने जनवरी 2025 में पश्चिम बंगाल की केंद्रीय ओबीसी सूची से 35 समुदायों को हटाने की सलाह दी थी. उस समय आयोग में केवल एक अध्यक्ष और एक सदस्य थे; उपाध्यक्ष का पद रिक्त था. संविधान के 102वें संशोधन के अनुसार, किसी भी समुदाय को सूची में शामिल या बाहर करने के लिए आयोग की सलाह आवश्यक है और इसे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी सदस्यों के हस्ताक्षर से अनुमोदित किया जाना चाहिए.

2014 में जोड़े गए 37 समुदाय, 35 मुस्लिम

एनसीबीसी की यह सिफारिश उन 37 समुदायों की समीक्षा के बाद आई है जिन्हें 2014 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया गया था. इसमें से 35 मुस्लिम समुदाय थे. सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 2 दिसंबर 2025 को लोकसभा में पुष्टि की कि इन 35 समुदायों को हटाने की सिफारिश की गई है.

केंद्र सरकार के पास लंबित सिफारिशें

सरकारी सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में सामाजिक न्याय मंत्रालय के पास नौ राज्यों की ओबीसी सूची में संशोधन संबंधी एनसीबीसी की सिफारिशें लंबित हैं. किसी भी संशोधन को संसद में पारित कर राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित किया जाना आवश्यक है.

विपक्ष-शासित राज्यों पर आयोग की विशेष निगरानी

दिसंबर 2022 में पदभार संभालने के बाद हंसराज अहिर ने पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल की ओबीसी सूचियों की गहन समीक्षा की. फरवरी 2023 में पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदायों की अधिक संख्या पर सवाल उठाए थे. इस जांच का राजनीतिक असर 2024 के लोकसभा चुनावों में भी दिखाई दिया, जब भाजपा ने विपक्षी दलों पर मुस्लिम समुदाय का तुष्टीकरण करने का आरोप लगाया.

भाजपा नेता अमित मालवीय का हमला

3 दिसंबर को भाजपा नेता अमित मालवीय ने मंत्रालय के जवाब को साझा करते हुए कहा कि सभी 35 समुदाय मुस्लिम हैं. केंद्र सरकार दशकों से चली आ रही तुष्टीकरण की राजनीति को समाप्त कर रही है और सच्चे सामाजिक न्याय की दिशा में काम कर रही है.

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04 December 2025, 12:40 PM IST

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