ऑपरेशन सिंदूर की नायक कर्नल सोफिया कुरैशी की कितनी है सैलरी? क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं, जानिए सब कुछ
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अब भारतीय सेना में एक प्रमुख महिला अधिकारी के रूप में सुर्खियों में हैं. इस बीच बहुत से लोग है जो उनकी सैलरी के बारे में जानना चाहते हैं साथ ही ये भी जानना चाहते हैं कि उनको क्या क्या सुविधाएं मिलती हैं. तो चलिए जानते हैं.

भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम हर जुबां पर है. इस जांबाज महिला अधिकारी ने न केवल भारतीय सेना के ऑपरेशन को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया, बल्कि इसने हर भारतीय को गर्व महसूस कराया. ऑपरेशन सिंदूर के प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी भूमिका के बाद, लोग अब उनकी सैलरी और अन्य भत्तों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं.
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने भारतीय सेना में अपने करियर की शुरुआत 1999 में ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) से की थी. इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया और देश की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया.
सोफिया कुरैशी की सैलरी
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की बेसिक सैलरी ₹1,21,200 से ₹2,12,400 के बीच होती है. यह सैलरी भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के लिए निर्धारित है. इसके साथ ही, उन्हें भारत सरकार की ओर से कई भत्ते और लाभ भी मिलते हैं, जो उनकी सैलरी को और बढ़ाते हैं.
भत्ते और बेनिफिट्स
भारतीय सेना के सभी अधिकारियों को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) दिया जाता है, जो मकान किराए के रूप में मिलता है. इसके अलावा, जो अधिकारी रिस्क वाले क्षेत्रों में काम करते हैं, उन्हें फील्ड एरिया अलाउंस भी मिलता है, जो ₹10,500 से लेकर ₹25,000 तक हो सकता है. इसके अलावा, सोफिया कुरैशी को अपनी भूमिका और सैन्य सेवा के आधार पर अन्य भत्ते भी प्राप्त होते हैं.
महिला शक्ति का प्रतीक
सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में महिला शक्ति का प्रतीक बन चुकी हैं. उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और बहादुरी ने उन्हें न केवल सेना में बल्कि हर भारतीय के दिल में एक खास जगह दिलाई है. उनकी भूमिका न केवल ऑपरेशन सिंदूर में अहम रही, बल्कि उन्होंने पहले भी उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
सोफिया कुरैशी की बहादुरी और कड़ी मेहनत
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की बहादुरी और कड़ी मेहनत से यह साफ है कि भारतीय सेना में महिलाओं का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली है. उनकी सैलरी और भत्ते उनके अद्वितीय योगदान का एक छोटा सा हिस्सा हैं, जो उन्हें देश की सेवा में लगातार समर्पित रहने के लिए प्रेरित करते हैं.