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गुलामी से आजादी और अब टकराव... कब-कब और किन देशों ने कंबोडिया पर किया कब्जा? पढ़िए पूरी हिस्ट्री

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच एक बार फिर तनाव गहराता जा रहा है. सीमा विवाद और ऐतिहासिक दुश्मनी के चलते दोनों देशों के रिश्ते जंग के मोड़ पर पहुंच चुके हैं. कभी उपनिवेशवाद की गुलामी झेल चुका कंबोडिया अब खुद को एक ताकतवर राष्ट्र के रूप में पेश कर रहा है. इस टकराव की जड़ें इतिहास में छिपी हैं, जो अब फिर से सिर उठा रही हैं. आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

दक्षिण-पूर्व एशिया का एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश कंबोडिया एक बार फिर सुर्खियों में है. थाईलैंड के साथ उसकी सीमा पर तनाव बढ़ गया है, दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं और समय-समय पर टकराव की खबरें आ रही हैं. प्रेह विहार मंदिर को लेकर चल रहा यह विवाद कंबोडिया और थाईलैंड को युद्ध के मुहाने तक ले जा सकता है. इस बीच यह जानना जरूरी है कि कंबोडिया का इतिहास कैसा रहा है, इस देश ने किन-किन विदेशी ताकतों की गुलामी झेली, कैसे आज़ादी मिली और वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है?

कंबोडिया न केवल अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके पीछे एक लंबा और संघर्षपूर्ण इतिहास भी छुपा है. कभी खमेर साम्राज्य की राजधानी रहा यह देश आज कई पड़ोसी देशों के प्रभुत्व और कब्जे का गवाह बन चुका है. आइए जानते हैं कि कंबोडिया किन राजवंशों और विदेशी ताकतों के अधीन रहा, इसे आज़ादी कैसे मिली और भारत के साथ इसके संबंध किस स्तर पर हैं.

कंबोडिया पर किस-किसने किया राज?

पहली शताब्दी में यहां फुनान साम्राज्य की स्थापना हुई, जिसने लगभग पांच शताब्दियों तक शासन किया. इसके बाद चेनला साम्राज्य आया, जो करीब तीन सौ साल तक सत्ता में रहा. चेनला को दो भागों में बांटा गया था: जल चेनला और थल चेनला. इस दौरान भारत से कंबोडिया के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध बेहद मजबूत रहे.

खमेर साम्राज्य: कंबोडिया का स्वर्ण युग

जय वर्मन द्वारा स्थापित खमेर साम्राज्य (802-1431 ई.) को कंबोडिया का स्वर्ण काल माना जाता है. इसी समय अंगकोर वाट मंदिर का निर्माण हुआ, जो आज यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. प्रारंभ में यहां हिंदू धर्म का बोलबाला था, लेकिन बाद में बौद्ध धर्म प्रभावशाली हुआ.

थाईलैंड और वियतनाम का प्रभाव

1431 में थाईलैंड की अयुत्थया सेना ने अंगकोर वाट पर हमला कर उसे लूट लिया, जिससे खमेर साम्राज्य का पतन शुरू हो गया. इसके बाद लगभग 250 सालों तक थाईलैंड (सायाम) और वियतनाम ने बारी-बारी से कंबोडिया के भूभाग पर कब्जा जमाया और इसकी राजनीति में हस्तक्षेप करते रहे.

फ्रांस का उपनिवेश बना कंबोडिया

1863 में कंबोडिया ने फ्रांसीसी सुरक्षा का सहारा लिया, और इसके बाद यह फ्रेंच इंडोचाइना का हिस्सा बन गया. 1953 तक यह फ्रांस का उपनिवेश बना रहा.

जापान का भी रहा कब्जा

द्वितीय विश्व युद्ध (1941-1945) के दौरान जापान ने भी कंबोडिया पर कब्जा किया. युद्ध के बाद फ्रांस ने फिर से शासन स्थापित किया, लेकिन जनता में स्वतंत्रता की मांग तेजी से बढ़ी.

कैसे मिली आजादी?

9 नवंबर 1953 को कंबोडिया को फ्रांस से स्वतंत्रता मिली. आज़ादी के बाद देश ने राजनीतिक अस्थिरता, तख्तापलट और भीषण गृहयुद्ध का दौर देखा.

खमेर रूज और पोल पॉट का आतंक

1975 से 1979 तक कंबोडिया में खमेर रूज की सत्ता रही, जिसका नेतृत्व तानाशाह पोल पॉट ने किया. इस काल में लाखों लोगों की हत्या हुई. 1979 में वियतनाम ने हस्तक्षेप कर खमेर रूज को हटाया, और 1989 तक उसकी सेना वहां तैनात रही.

वर्तमान शासक कौन?

कंबोडिया अब संवैधानिक राजतंत्र है. वर्तमान राजा नरोदम सिहामोनी हैं, जो 2004 से सत्ता में हैं. हून मानेट, जो पूर्व प्रधानमंत्री हून सेन के पुत्र हैं, 2023 से देश के प्रधानमंत्री हैं.
कंबोडिया की सीमाएं किन देशों से मिलती हैं?

पश्चिम और उत्तर में: थाईलैंड

उत्तर में: लाओस

पूर्व और दक्षिण-पूर्व में: वियतनाम

दक्षिण में: थाईलैंड की खाड़ी

कंबोडिया की अर्थव्यवस्था कैसी है?

कंबोडिया एक विकासशील देश है जिसकी अर्थव्यवस्था कृषि, वस्त्र उद्योग, पर्यटन और निर्माण पर निर्भर है. चावल, रबर, मछली पालन और परिधान उद्योग इसके प्रमुख स्तंभ हैं. हालांकि, अभी भी गरीबी, शिक्षा की कमी, भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य सुविधाओं की दिक्कतें देश के सामने बड़ी चुनौतियां हैं.

थाईलैंड से चल रहा ताजा संघर्ष क्यों?

विवाद का मुख्य केंद्र है प्रेह विहार मंदिर, जो सीमा पर स्थित है. 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इसे कंबोडिया का हिस्सा माना था, लेकिन थाईलैंड ने फैसले को कभी पूरी तरह स्वीकार नहीं किया. 2008-2011 के बीच कई बार दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़पें हुईं. अब एक बार फिर ये संघर्ष उग्र हो गया है.

भारत और कंबोडिया के रिश्ते

भारत और कंबोडिया के बीच प्राचीन काल से सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहे हैं. भारत से ही यहां हिंदू और बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ. भारत ने 1952 में राजनयिक संबंध स्थापित किए और तब से कंबोडिया को शिक्षा, स्वास्थ्य, IT, और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सहयोग देता आ रहा है. “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के तहत भारत कंबोडिया को अहम रणनीतिक साझेदार मानता है.

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26 July 2025, 04:17 PM IST

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