'गौतम गंभीर को खुद आगे आकर इस्तीफा दे देना चाहिए', भारतीय टीम के हेड कोच पर भड़के फैन्स
मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत पर 186 रन की बढ़त बनाई. रूट की 150 रन की पारी और भारतीय गेंदबाजों की कमजोर रणनीति से टीम दबाव में आ गई. सोशल मीडिया पर कोच गौतम गंभीर को लेकर नाराजगी बढ़ी, जबकि वाशिंगटन सुंदर के देर से इस्तेमाल पर भी सवाल उठे.

मैनचेस्टर में जारी चौथे टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया है. तीसरे दिन के खेल के समाप्त होने तक मेज़बान टीम ने भारत पर 186 रनों की बढ़त हासिल कर ली है. भारतीय गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण इंग्लैंड ने एक बार फिर अपनी पकड़ मज़बूत कर ली है. आखिरी बार भारत ने 500 से अधिक रन 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ ही लंदन में खर्च किए थे, और इस बार इतिहास खुद को दोहराता दिख रहा है.
जो रूट की शतकीय पारी
इंग्लैंड की ओर से जो रूट ने शानदार 150 रनों की पारी खेली, जबकि कप्तान बेन स्टोक्स 77 रन बनाकर नाबाद रहे. उनके साथ लियाम डॉसन (21*) भी क्रीज पर डटे रहे. रूट की सधी हुई बल्लेबाजी ने भारतीय गेंदबाजों की रणनीतियों को विफल कर दिया और मेहमान टीम को मानसिक रूप से झकझोर दिया.
भारतीय प्रशंसकों का फूटा गुस्सा
भारत के कमजोर गेंदबाजी प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर प्रशंसकों का गुस्सा फूट पड़ा. एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कई फैंस ने मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीति और टीम चयन पर सवाल उठाए. एक यूज़र ने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा, "गंभीर को सीरीज़ के बीच में ही इस्तीफा दे देना चाहिए. यह उनके आत्मसम्मान की बात है."
गंभीर पर इस्तीफे का दबाव
एक अन्य प्रशंसक ने लिखा, "अगर गंभीर में आत्मगौरव है, तो वे सीरीज़ के बाद खुद पद छोड़ दें." कुछ ने तो विराट कोहली को वापस लाने की अपील भी की और गंभीर को टेस्ट कोच के रूप में असफल बताया. कई प्रतिक्रियाओं में यह भी स्पष्ट हुआ कि गंभीर के नेतृत्व में टीम न तो रणनीतिक रूप से मजबूत दिख रही है और न ही मैदान पर प्रेरणादायक प्रदर्शन दे पा रही है.
सुंदर का देर से इस्तेमाल
शुभमन गिल और गौतम गंभीर दोनों को वाशिंगटन सुंदर के देर से उपयोग को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. सुंदर, जो गेंदबाजी में सबसे अधिक प्रभावशाली साबित हो सकते थे, उन्हें 69वें ओवर तक गेंदबाजी का मौका नहीं दिया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक बड़ा रणनीतिक चूक थी, जिसने इंग्लैंड को मजबूती से जमने का मौका दिया.
भारत के पास अब सीमित विकल्प
गेंदबाजों ने शुरुआती सत्र में कुछ अनुशासित गेंदबाजी जरूर की, लेकिन पिच से उन्हें अधिक सहायता नहीं मिली. इंग्लैंड ने स्थिति का लाभ उठाया और अब भारत के सामने एक बार फिर से श्रृंखला में वापसी करने की बड़ी चुनौती खड़ी है. यदि रणनीति और प्रदर्शन दोनों में बदलाव नहीं आया, तो भारत के लिए यह सीरीज़ हाथ से निकल सकती है.


