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'अब बात सिर्फ भारत और चीन से होगी...' ब्राजील राष्ट्रपति लूला ने ट्रंप को नकारा

ब्राजील और अमेरिका के बीच व्यापारिक टकराव अब कूटनीतिक जंग में तब्दील हो गया है. परमाणु टैरिफ विवाद के बीच राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने दो टूक शब्दों में साफ कर दिया है कि वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कोई संवाद नहीं करेंगे. लूला ने ट्रंप के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि लूला उनसे कभी भी कॉल पर बात कर सकते हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

परमाणु टैरिफ विवाद के बीच अमेरिका और ब्राज़ील के संबंध नए निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने साफ किया है कि वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कॉल नहीं करेंगे. उन्होंने ट्रंप के उस बयान को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि लूला उनसे कभी भी बात कर सकते हैं. इसके बजाय लूला अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सीधा संवाद करने की योजना बना रहे हैं.

लूला ने अमेरिका के द्वारा ब्राजील के उत्पादों पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ पर नाराज़गी जताते हुए इसे ब्राज़ील-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों का 'सबसे अफसोसजनक दिन' बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि ब्राज़ील अमेरिका के इस एकतरफा निर्णय के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसे मंचों पर अपनी लड़ाई लड़ेगा.

ट्रंप को नहीं करूंगा कॉल

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने दो टूक कहा, 'मैं ट्रंप को कॉल नहीं करूंगा, क्योंकि वह बात करना ही नहीं चाहते.' यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब अमेरिका और ब्राजील के बीच आयात शुल्क को लेकर गहरा विवाद खड़ा हो चुका है. अमेरिका ने ब्राजील के उत्पादों पर 50% तक टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जिससे द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ गया है.

ट्रंप ने पहले कहा था कि लूला उनसे कभी भी कॉल पर बात कर सकते हैं ताकि व्यापार विवाद का हल निकल सके. यहां तक कि ब्राज़ील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद ने भी ट्रंप के इस प्रस्ताव का स्वागत किया था. लेकिन अब लूला ने स्पष्ट कर दिया है कि पहल अमेरिका को करनी होगी, ब्राजील नहीं झुकेगा.

मोदी और जिनपिंग से करेंगे संवाद

लूला ने यह भी कहा कि वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सीधे संपर्क करेंगे. उन्होंने कहा, 'मैं शी जिनपिंग को कॉल करूंगा, मैं प्रधानमंत्री मोदी को कॉल करूंगा, लेकिन ट्रंप को नहीं.' हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे फिलहाल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात नहीं करेंगे, क्योंकि वह यात्रा नहीं कर सकते.

अमेरिका ने BRICS देशों को दी चेतावनी

ट्रंप प्रशासन की ओर से पहले ही BRICS देशों को चेतावनी दी गई थी कि यदि उनके रुख अमेरिका के हितों के खिलाफ पाए गए, तो अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाए जा सकते हैं. BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) आज अमेरिका की वैश्विक नीतियों के सामने एक मजबूत वैकल्पिक ध्रुव बनकर उभर रहे हैं, जिससे वाशिंगटन की चिंता बढ़ी हुई है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से और बिगड़े संबंध

ब्राज़ील की सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को हाउस अरेस्ट में रखने का फैसला सुनाया था. इस पर अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट की वेस्टर्न हेमिस्फियर ब्यूरो ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि 'न्यायमूर्ति अलेक्जेंडर डी मोराइस मानवाधिकार हनन के दोषी हैं और उन पर मैग्निट्स्की एक्ट के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं.' अमेरिका का आरोप है कि कोर्ट का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए किया जा रहा है.

जस्टिस डी मोराइस का जवाब

न्यायमूर्ति डी मोराइस ने अमेरिका की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि वे 'अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद अपने न्यायिक कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे. उनका काम देश के संविधान और कानून के तहत है और किसी बाहरी दबाव में नहीं किया गया है.'

लूला की सख्त चेतावनी

ब्राज़ील के राष्ट्रपति का यह रुख वैश्विक राजनीति में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है कि ब्राज़ील अब अमेरिका के दबाव में नहीं झुकेगा. लूला का कहना है कि अब समय आ गया है कि विकासशील देश मिलकर अमेरिका की एकतरफा नीतियों का विरोध करें और एक नया बहुपक्षीय समीकरण गढ़ें.

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06 August 2025, 11:58 AM IST

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