Pakistan: यहां वीडियो पोस्ट करने पर कत्ल कर दी जाती हैं लड़कियां, फतवे से बेखौफ लड़कियां लड़ रही हैं चुनाव

Pakistan Election: पाकिस्तान का कोहिस्तान इलाका महिलाओं के लिए बुरा ख्वाब माना जाता है. यहां पर कट्टरपंथियों ने चुनाव लड़ रही महिलाओं के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है.

Tahir Kamran
Tahir Kamran

Pakistan, Kohistan Election: पाकिस्तान को अगर महिलाओं के लिए नर्क कहें तो शायद गलत नहीं होगा. यहां कट्टरपंथी सोच के चलते महिलाओं को हर क्षेत्र में दबाया जाता है. आए दिन इस तरह की खबरें पढ़ने और सुनने को मिल जाएंगी. हद तो जब हो जाती है जब डिजिटल युग में लड़कियों को सोशल मीडिया और इंटरनेट से दूर रहने के फतवे जारी कर दिए जाते हैं. ना सिर्फ फतवे बल्कि फोटो और वीडियो पोस्ट पर बेहरमी से कत्ल कर दिया जाता है. यह इलाका है पाकिस्तान का कोहिस्तान.

धमकियां दे रहे हैं कट्टरपंथी: 

यह सब हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि ऐसे इलाके जहां महिलाओं को सोशली इन्वॉल्व होने पर कत्ल कर दिया जाता है, वहां से 4 महिलाएं खुलकर सामने आई हैं. समाज की धमकियों से बेखौफ होकर, दबंग महिला उम्मीदवार सामाजिक बाधाओं को तोड़ रही हैं और 8 फरवरी के आम चुनाव लड़ने के लिए सभी बाधाओं का सामना कर रही हैं. डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, तहमीना फहीम, शकीला रब्बानी, सनाया साबिल और मोमिना बासित खैबर पख्तूनख्वा के हजारा जिले के कोहिस्तान और तोरघर के रूढ़िवादी चुनावी क्षेत्रों में चुनावी मैदान में उतरने वाली पहली महिला हैं. ये चारों महिलाएं निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं, जिनमें से सनाया सबील को छोड़कर बाकी 3 को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का समर्थन प्राप्त है.

97 फीसद महिलाएं नहीं गईं स्कूल/मदरसा

कोहिस्तान जिला महिलाओं और लड़कियों के लिए एक बुरा ख्वाब माना जाता है, जहां लिंग आधारित हिंसा और कम उम्र में शादियां जैसी घटना बेहद आम बात है. स्थानीय महिलाओं के बीच साक्षरता दर बहुत ही कम है, 97 फीसद से ज्यादा महिलाएं कहती हैं कि वो कभी स्कूल या फिर मदरसे में गई ही नहीं. यहां ये चारों महिलाएं अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं, जहां हाल ही में एक युवा लड़की का बेरहम तरीके से कत्ल कर दिया गया था.

वीडियो पोस्ट करने पर लड़की का कत्ल:

दरअसल यहां कुछ समय पहले ही पंचायत ने एक लड़की को सिर्फ इस बात के लिए कत्ल कर दिया था कि उसने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर की थी और उन तस्वीरों/वीडियो में उसके कुछ पुरुष साथी भी थे. यह घटना साल 2012 की दिल दहला देने वाली उस घटना की याद दिलाती है जिसमें सिर्फ डांस वीडियो पोस्ट करने के बाद गैरत के नाम पर 5 लड़कियों को कत्ल कर दिया गया था. 

उलेमाओं ने जारी किया फतवा

कोहिस्तान उलेमा के एक समूह ने महिला उम्मीदवारों और उनके लिए प्रचार करने के खिलाफ एक फतवा जारी किया, जिसमें इस प्रथा को गैर-इस्लामिक बताया गया. फतवे में महिलाओं के घर-घर जाकर वोट मांगने को गलत ठहराया है. कोहिस्तान के 30 'धार्मिक विद्वानों' और करीब 400 उलेमाओं ने इस फतवे का समर्थन किया है.

क्या कहता है मानवाधिकार

हालांकि पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के पदाधिकारी जाहिद खान ने इस फतवे को महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ बताया. जाहिद खान ने कहा कि यहां की महिला विधायक या सांसद इस क्षेत्र के मुद्दों को विधानसभाओं में ले जाने में बहुत प्रभावी हो सकती हैं, जहां बाल विवाह और लिंग आधारित हिंसा बेहद आम है.

महिला आयोग का बयान:

राष्ट्रीय महिला स्थिति आयोग (एनसीएसडब्ल्यू) की प्रमुख नीलोफर बख्तियार ने कोहिस्तान में जारी इस फतवे पर संज्ञान लिया और पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त का ध्यान महिला उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित माहौल यकीनी बनाने की गुजारिश की है.

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07 February 2024, 11:40 AM IST

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