कौन है आमिर सरफराज, जिसने कोट लखपत जेल में किया था सरबजीत पर हमला?
लाहौर में अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज की 'अज्ञात हमलावरों' ने गोली मारकर हत्या कर दी. अमीर सरफराज वही है, जिसने ISI के इशारे पर पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत की हत्या की थी.
लाहौर में अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज की 'अज्ञात हमलावरों' ने गोली मारकर हत्या कर दी. अमीर सरफराज वही है, जिसने ISI के इशारे पर पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत की हत्या की थी. पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में अमीर सरफराज ने सरबजीत की पॉलीथिन से गला घोंटकर और पीट- पीट कर हत्या कर दी थी .पंजाब के सरबजीत को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी सेना ने पकड़ा था.
कौन थे आमिर सरफराज
सरबजीत को हत्यारे आमिर सरफराज कुख्यात अंडरवर्ल्ड शख्स है. इसको लाहौर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के आदेश पर सरबजीत सिंह को फांसी देने में अपनी भूमिका के लिए जाने वाले सरफराज की एक गोलीबारी में मौत हो गई. इस घटना ने पंजाब के किसान सरबजीत के दुखद भाग्य के बारे में चर्चा फिर से शुरू कर दी है, जो 1990 में अनजाने में पाकिस्तान में घुस गया था और जासूसी के आरोपों में फंस गया था.
रणदीप हुड्डा ने किया ट्वीट
2016 की हिंदी बायोपिक में सरबजीत का किरदार निभाने वाले अभिनेता रणदीप हुड्डा ने "अज्ञात लोगों" को धन्यवाद दिया. उन्होंन एक्स पोस्ट पर लिखा “कर्मी. अपनी बहन दलबीर कौर को याद करते हुए और स्वपनदीप और पूनम को प्यार भेजते हुए, आज शहीद सरबजीत सिंह को कुछ न्याय मिला है.
KARMA
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) April 14, 2024
Thank you ‘Unknown Men’ 🙏💪
Remembering my Sister Dalbir Kaur and sending love to Swapandeep and Poonam , today some justice to Martyr Sarabjit Singh has been served 🙏 https://t.co/CSn9WmevDv
सरबजीत अनजाने में पाकिस्तान पहुंचे
भारत- पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले किसान थे. 30 अगस्त 1990 को वो आनजाने में पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए थे. जिसके बाद पाकिस्तान आर्मी ने उनको गिरफ्तार कर लिया. सरबजीत को लौहोर में हुए बम धमाके का आरोपी बताकर उनको जेल में बंद रखा. बम हमले में 14 लोगों की जान गई थी. आपको बता दें, सरबजीत सिंह पर लौहोर की कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला कर दिया था. पाकिस्तान ने उनको ब्रेन डेड घोषित कर दिया था.
चिट्ठी के जरिए सुनाई दास्तां
सरबजीत पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में रहते हुए भारत में भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा था. मुझे पिछले 2 से 3 महीनों से खाने में कुछ मिलाकर दिया जा रहा है. जिसको खाने से मेरा शरीर गलता जा रहा है. खाना खाने से मेरे बांए हाथ में बहुत दर्द होता है. इसके साथ ही दाहिना पैर लगातार कमजोर होता जा रहा है. इस खाने में जहर जैसा है, इसे ना तो खाया जा सकता है और ना ही पचाया जा सकता है.
गलत पहचान से हुई गिरफ्तारी
सरबजीत ने अपनी चिट्टठी में खुद को बेगुनाह बताकर लिखा मैं बहुत ही गरीब इंसान हूं और मेरी गिरफ्तारी गलत पहतान की वजह से हुई है. 20 अगस्त 1990 में मैं शराब के नशे में गलती से बॉडर के पार चला गया था. जब मैं वहां पकड़ा गया तो मुझे बेरहमी से मारा गया . मैं इतना भी नहीं देख सकता था की मुझे पीट कौन रहा है. मुझे चेन की मोटी- मोटी जंजीर से बांधा गया औप आंखों में पट्टटी बांध दी गई. आपको बता दें, सरबजीत पर पाकिस्तान की जेल में जुल्म होता रहा और कोर्च ने जितनी भी शिकायते थीं उनको नजरअंदाज कर दिया.