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मोटापा, मधुमेह हो या कैंसर...अमेरिका में बीमार लोगों की एंट्री बैन, वीजा पर ट्रंप सरकार ने जारी किया नया फरमान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में, अमेरिका ने वीजा आवेदन प्रक्रिया में नया संशोधन किया है. अब मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त विदेशी नागरिकों को वीजा देने से मना किया जा सकता है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में अमेरिका के इमिग्रेशन नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. ट्रंप प्रशासन ने एक नया सरकारी आदेश जारी किया है, जिसके तहत स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त विदेशी नागरिकों को वीजा देने से मना किया जा सकता है. गुरुवार को जारी किए गए इस आदेश के अनुसार, यदि किसी वीजा आवेदक को मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर या श्वसन रोग जैसी बीमारियाँ हैं, तो वीजा अधिकारियों को यह अधिकार होगा कि वे इन आवेदकों का वीजा आवेदन अस्वीकार कर दें.

सभी दूतावासों को भेजे गए दिशा-निर्देश

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नया दिशा-निर्देश अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा सभी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को भेजे गए एक केबल संदेश के रूप में जारी किया गया है. इस संदेश में कहा गया है कि आवेदकों के स्वास्थ्य को लेकर विचार किया जाए, क्योंकि ऐसे लोग अमेरिकी समाज में एक सार्वजनिक बोझ बन सकते हैं और उनके इलाज में खर्च होने वाली राशि अमेरिकी संसाधनों का दुरुपयोग कर सकती है. हालांकि, यह कोई नया विचार नहीं है, क्योंकि पहले भी वीज़ा आवेदन प्रक्रिया के दौरान कुछ संक्रामक बीमारियों जैसे कि टीबी (ट्यूबरोक्लोसिस) और मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी ली जाती रही है. लेकिन, ट्रम्प प्रशासन के तहत अब इस प्रक्रिया को और सख्त किया जा रहा है.

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की लंबी सूची
नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, वीजा अधिकारियों को आवेदकों के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में विशेष ध्यान देना होगा, खासकर उन बीमारियों के बारे में जो सार्वजनिक बोझ का कारण बन सकती हैं. इनमें मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, श्वसन रोग, कैंसर, तंत्रिका संबंधी रोग और मानसिक बीमारियां शामिल हैं. इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि इन बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को वीजा दिया जाता है, तो उनके इलाज पर लाखों डॉलर खर्च हो सकते हैं, जो अमेरिकी सरकार पर भारी पड़ सकता है.

क्या आवेदक अपने इलाज का खर्च वहन कर सकते हैं?
वीजा अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि क्या आवेदक अपनी बीमारियों का इलाज खुद से करने में सक्षम हैं, ताकि अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव न बने. विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया आदेश वीजा अधिकारियों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करता है, जिससे वे आवेदकों के स्वास्थ्य के आधार पर उनके आवेदन को खारिज या स्वीकार करने का निर्णय ले सकते हैं.

आवेदकों के लिए भविष्य में क्या परिणाम हो सकते हैं?
हालांकि, कुछ कानूनी विशेषज्ञ इस बात का मानते हैं कि यह नियम केवल स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) के मामलों में लागू होगा और अन्य प्रकार के वीजा आवेदनों पर इसका प्रभाव कम हो सकता है. उदाहरण के लिए, टेम्परेरी वीजा जैसे पर्यटक वीजा या छात्र वीजा के मामले में इस आदेश का प्रभाव संभवतः सीमित रहेगा.

इस नए निर्देश का उद्देश्य अमेरिका में स्वास्थ्य संकट को नियंत्रित करना और अमेरिकी संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है. लेकिन, यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या यह नीति मानवाधिकारों के उल्लंघन का कारण बन सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं.

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07 November 2025, 10:48 PM IST

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