दिल में जो बात है बताते नहीं | अब्दुल हमीद

दिल में जो बात है बताते नहीं दूर तक हम कहीं भी जाते नहीं अक्स कुछ देर तक नहीं रुकते बोझ ये आईने उठाते नहीं

Janbhawana Times
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दिल में जो बात है बताते नहीं

दूर तक हम कहीं भी जाते नहीं


अक्स कुछ देर तक नहीं रुकते

बोझ ये आईने उठाते नहीं


ये नसीहत भी लोग करने लगे

इस तरह मुफ़्त दिल गँवाते नहीं


दूर बस्ती पे है धुवाँ कब से

क्या जला है जिसे बुझाते नहीं


छोड़ देते हैं इक शरर बे-नाम

आग लग जाती है लगाते नहीं


भूल जाना भी अब नहीं आसाँ

वरना ये ख़िफ़्फ़तें उठाते नहीं


आप अपने में जलते बुझते हैं

ये तमाशा कहीं दिखाते नहीं

calender
01 August 2022, 04:20 PM IST

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