हमदर्द | फ़राज़

ऐ दिल उन आँखों पर न जा जिनमें वफ़ूरे-रंज से कुछ देर को तेरे लिए आँसू अगर लहरा गए

Janbhawana Times
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ऐ दिल उन आँखों पर न जा 

जिनमें वफ़ूरे-रंज से

कुछ देर को तेरे लिए

आँसू अगर लहरा गए

ये चन्द लम्हों की चमक

जो तुझको पागल कर गई

इन जुगनुओं के नूर से

चमकी है कब वो ज़िन्दगी

जिसके मुक़द्दर में रही

सुबहे-तलब से तीरगी

किस सोच में गुमसुम है तू

ऐ बेख़बर! नादाँ न बन

तेरी फ़सुर्दा रूह को

चाहत के काँटों की तलब

और उसके दामन में फ़क़त

हमदर्दियों के फूल हैं

calender
02 August 2022, 12:01 PM IST

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