तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए | अंजुम रहबर

तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए मैं ज़हर खा रही थी कि तुम याद आ गए

Janbhawana Times
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तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए

मैं ज़हर खा रही थी कि तुम याद आ गए

 

कल मेरी एक प्यारी सहेली किताब में

इक ख़त छुपा रही थी कि तुम याद आ गए

 

उस वक़्त रात-रानी मिरे सूने सहन में

ख़ुशबू लुटा रही थी कि तुम याद आ गए

 

ईमान जानिए कि इसे कुफ़्र जानिए

मैं सर झुका रही थी कि तुम याद आ गए

 

कल शाम छत पे मीर-तक़ी-'मीर' की ग़ज़ल

मैं गुनगुना रही थी कि तुम याद आ गए

 

'अंजुम' तुम्हारा शहर जिधर है उसी तरफ़

इक रेल जा रही थी कि तुम याद आ गए

calender
29 July 2022, 06:37 PM IST

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