उसे देख कर अपना महबूब | अब्दुल हमीद

उसे देख कर अपना महबूब प्यारा बहुत याद आया वो जुगनू था उस से हमें इक सितारा बहुत याद आया यही शाम का वक़्त था घर से निकले के याद आ गया था बहुत दिन हुए आज वो सब दोबारा बहुत याद आया

Janbhawana Times
Janbhawana Times

उसे देख कर अपना महबूब प्यारा बहुत याद आया

वो जुगनू था उस से हमें इक सितारा बहुत याद आया

 

यही शाम का वक़्त था घर से निकले के याद आ गया था

बहुत दिन हुए आज वो सब दोबारा बहुत याद आया

 

सहर जब हुई तो बहुत ख़ामुशी थी ज़मीन शबनमी थी

कभी ख़ाक-ए-दिल में था कोई शरारा बहुत याद आया

 

बरसते थे बादल धुवाँ फैलता था अजब चार जानिब

फ़ज़ा खिल उठी तो सरापा तुम्हारा बहुत याद आया

 

कभी उस के बारे में सोचा न था और सोचा तो देखो

समंदर कोई बे-सदा बे-किनारा बहुत याद आया

calender
01 August 2022, 04:11 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो