निर्जला एकादशी पर न करें नमक और चावल का सेवन
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन का व्रत करने से न केवल वर्षभर की अन्य ग्यारह एकादशियों का पुण्य फल मिल जाता है वहीं निर्जल रहने व भगवान विष्णु व लक्ष्मी माता की पूजन करने से मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है।
शुक्रवार 10 जून को निर्जला एकादशी का व्रत है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन का व्रत करने से न केवल वर्षभर की अन्य ग्यारह एकादशियों का पुण्य फल मिल जाता है वहीं निर्जल रहने व भगवान विष्णु व लक्ष्मी माता की पूजन करने से मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है। इसके अलावा इस दिन व्रतधारी लोगों को चावल व नमक भी नहीं खाना चाहिए। यदि ऐसा किया जाता है तो ऐसे लोग पाप के भागीदार बनते है।
क्या कारण है आखिर
ज्योतिषियों के अनुसार निर्जला एकादशी पर चावल या नमक नहीं खाने के पीछे यह कारण बताया गया है कि यदि इनका सेवन किया जाता है तो अगले जन्म में कीड़े मकोड़े के रूप में जन्म लेना पड़ता है। इसी तरह एकादशी व बृहस्पति का पुण्य फल भी नहीं मिलता है।
इसी तरह से तामसिक भोजन या फिर बैंगन, प्याज, लहसुन आदि भी नहीं खाना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन न तो तुलसी को जल चढ़ाए और न ही व्रत करने वाले लोगों को क्रोध करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्रतधारी व्यक्ति को जल्द ही पुण्य प्राप्त होता है।