गायत्री मंत्र का करते है जाप तो रखें इन बातों का ध्यान
यदि आप गायत्री मंत्र का जाप करते है तो आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसा माना गया है कि यदि विधि विधान के साथ गायत्री मंत्र का जाप नहीं किया जाता है तो उसका फल प्राप्त नहीं होता है वहीं दोष भी लगता है।
यदि आप गायत्री मंत्र का जाप करते है तो आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसा माना गया है कि यदि विधि विधान के साथ गायत्री मंत्र का जाप नहीं किया जाता है तो उसका फल प्राप्त नहीं होता है वहीं दोष भी लगता है।
किन बातों का रखें ध्यान-
हमारे ज्योतिषी के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय के पहले यदि किया जाता है तो माता गायत्री की कृपा जल्दी मिलती है। इसके अलावा मंत्र का जाप करते समय स्पष्ट उच्चारण ही करना चाहिए। गलत उच्चारण करने से उल्टा असर भी हो सकता है।ज्योतिषियों के अनुसार सूर्योदय के पहले गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए वहीं पीले रंग के वस्त्र धारण करने की अनिवार्यता भी धर्म शास्त्रों में बताई गई है।
हालांकि दोपहर में भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है लेकिन जाप करते वक्त पीले रंग के ही वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है। मंत्र का जाप कम से कम एक सौ आठ बार ही होना चाहिए। मंत्र का जाप करते समय आगे और पीछे श्री का संपुट लगाकर जाप करने की सलाह ज्योतिषियों द्वारा दी गई है।
यदि ऐसा किया जाता है तो ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। रुद्राक्ष की माला से ही मंत्र का जाप करना श्रेष्ठ होता है। मंत्र को जपते समय मौन रहना चाहिए अर्थात किसी से बातचीत न करें। जो लोग गायत्री मंत्र का जाप हर दिन करते है उन्हें शुद्ध शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए वहीं क्रोध करने से भी दूर ही रहना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जाप नियमित व नियमों से करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा जीवन में आने वाली बाधाएं भी माता गायत्री की कृपा से हमेशा के लिए दूर हो जाती है।