8 जून को महेश नवमी...कैसे करें शिव और पार्वती की पूजा
8 जून को महेश नवमी है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन करने का विधान बताया गया है।
8 जून को महेश नवमी है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन करने का विधान बताया गया है। ज्योतिषियों के अनुसार महेश नवमी तिथि पर यदि विधि विधान के साथ पूजन अर्चन कर लिया जाए तो निश्चित ही अपार सुख और धन संपदा की प्राप्ति होने के साथ ही महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है।
क्यों मनाई जाती है महेश नवमी
महेश नवमी माहेश्वरी समाज का प्रमुख पर्व माना जाता है और इसे ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के ही वरदान के कारण इसी दिन हुई थी। इस अवसर पर संपूर्ण माहेश्वरी समाज धूमधाम से पर्व को मनाता है वहीं अन्य श्रद्धालु भी भगवान शिव व माता पार्वती की पूजन कर सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करते है। ज्योतिषियों के अनुसार 8 जून को सुबह 8.30 बजे बाद से नवमी तिथि प्रारंभ होगी। इसके बाद से ही पूजा अर्चना करने की शुरुआत करना चाहिए।
कैसे करें पूजा
इस दिन शुभ मुर्हूत या फिर विजय मुहूर्त दोपहर 2.14 से 3.08 बजे तक भगवान शिव व माता पार्वती की पूजन की जा सकती है।
-पंचामृत अभिषेक करने के साथ ही बिल्व पत्र, धतुरा और आंकड़े के पुष्प चढ़ाए।
-शिवलिंग का जलाभिषेक यदि गंगा जल से किया जाए तो ओर अधिक उत्तम माना गया है।
-डमरू बजाकर भी भगवान शिव की आराधना की जा सकती है। ऐसा माना जाता है कि डमरू की आवाज सुनकर भगवान भोलेनाथ शीघ्र ही अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूरी कर देते है।