30 मई को शनि जयंती पर सोमवती अमावस्या का दुर्लभ संयोग
इस बार 30 मई को शनि जयंती पर सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार यह दिन विशेष है और इस दिन यदि शनि पीड़ा या फिर साढ़ेसाती से ग्रसित लोगों द्वारा शनि की पूजा, तेल अर्पण आदि किया जाता है
इस बार 30 मई को शनि जयंती पर सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार यह दिन विशेष है और इस दिन यदि शनि पीड़ा या फिर साढ़ेसाती से ग्रसित लोगों द्वारा शनि की पूजा, तेल अर्पण आदि किया जाता है तो इसका फल अवश्य ही प्राप्त होगा। शनि जयंती और सोमवती अमावस्या का एक साथ आना दुर्लभ संयोग होता है। ज्योतिषियों के अनुसार अमावस्या 29 मई रविवार को दोपहर 2 बजे बाद शुरू होगी और अगले दिन सोमवार को शाम 4 बजे बाद समाप्त होगी। उदयात तिथि अनुसार सोमवती अमावस्या का स्नान करना 30 मई को ही श्रेष्ठ बताया गया है। इसी दिन सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग भी होगा। ऐसी मान्यता है कि इस योग में भगवान शनि की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और साढ़ेसाती का प्रभाव भी बहुत कम हो जाता है।
30 वर्षों बाद ऐसा संयोग
ज्योतिषियों का कहना है कि करीब 30 वर्षों बाद सोमवती अमावस्या पर शनि जयंती का संयोग बन रहा है। सोमवती अमावस्या के साथ ही वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा इस तरह के संयोग बहुत कम ही बनते है। शनि महाराज कुंभ राशि में रहेंगे इसलिए इस दिन का महत्व ओर अधिक बढ़ गया है।