ध्यान दें... भारत-पाक तनाव के बीच उत्तराखंड की चारधाम यात्रा की फ्लाइट स्थगित
भारत-पाक तनाव के चलते चारधाम यात्रा की फ्लाइट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है.

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा पर भी साफ नजर आने लगा है. सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए हवाई सेवाओं को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है. सीमाओं पर चल रहे सैन्य संघर्ष और पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे हमलों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है.
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालात 1999 के करगिल युद्ध के बाद सबसे ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं. ऐसे में यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और चारधाम यात्रा की हवाई सेवाओं को फिलहाल रोक दिया गया है.
भारत-पाक संघर्ष का धार्मिक यात्रा पर असर
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर छिड़े संघर्ष ने अब धार्मिक यात्राओं को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान द्वारा राजस्थान, पंजाब, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 4 बड़े एयरबेस पर सटीक हमले किए हैं. इसी बीच, चारधाम यात्रा की सुरक्षा को देखते हुए उत्तराखंड से संबंधित फ्लाइट ऑपरेशंस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
'श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि'
सरकार का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये कदम बेहद जरूरी था. उत्तराखंड की चारधाम यात्रा- गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में हर साल लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. मौजूदा हालातों को देखते हुए पैरामिलिट्री की 15 अतिरिक्त कंपनियां भी राज्य में तैनात की गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
भारत का तगड़ा जवाब
पाकिस्तान ने दिल्ली की ओर 'फतेह-2' मिसाइल दागी, जिसे सिरसा में ही भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया. इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर तीन सटीक मिसाइलें दागीं. भारतीय हमलों में पाकिस्तान के नूर खान और रफीकी एयरबेस को गंभीर क्षति पहुंची है.
पाक सेना की विफल रणनीति
पाकिस्तान की ओर से बार-बार भारत के रिहायशी इलाकों, धार्मिक स्थलों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिशें की गई, लेकिन भारतीय सेना ने हर बार इन हमलों को नाकाम किया. भारत की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि आतंकी ठिकानों पर हमला एक सैन्य जरूरत थी, जबकि पाकिस्तान नागरिक स्थलों पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है.
सरकार ने श्रद्धालुओं और आम नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें. सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.