Shivratri Special: शिवरात्रि हिंदू धर्म में मान्यता के अनुसार एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है. शिवरात्रि पर माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था. इस उत्सव का महत्व विभिन्न पहलुओं से प्राप्त होता है-
1. भगवान शिव की पूजा-
शिवरात्रि उत्सव में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है.भगवान शिव को उत्तम भक्ति, विश्राम और सुख का दाता माना जाता है। शिव जी की पूजा से मनुष्य में सामर्थ्य, धैर्य और समरसता की भावना विकसित होती है.
2. पापों का नाश-
शिवरात्रि को रात्रि ब्रत के रूप में मान्यता प्राप्त है. इस रात्रि में लोग जीवन में किए गए पापों का नाश करने के लिए व्रत रखते हैं. इसके माध्यम से वे उन्हें माफी मांगते हैं और नये प्रारम्भों के लिए संकल्प लेते हैं.
3. मां उमा की विवाह स्मृति-
हिंदू परंपरा में शिवरात्रि को मां उमा के विवाह दिवस के रूप में भी माना जाता है. मां उमा और भगवान शिव की प्रेम कथा संबंधित होती है। इसलिए भगवान शिव की पूजा से पति-पत्नी के बीच प्रेम और मेलमिलाप में वृद्धि होती है.
4. सन्यासी धर्म का संचालन-
शिवरात्रि को सन्यासी धर्म के प्रचार और कार्यों का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन सन्यासी अपनी आराधना और तपस्या केंद्रित करते हैं और भगवान शिव की महिमा का गान करते हैं.
5. मानव सेवा का महत्व-
शिवरात्रि पर पूजा के अलावा, भक्तों को यह बात समझाई जाती है कि मानव सेवा में अधिक समर्पण रखना चाहिए.
इस प्रकार, शिवरात्रि एक धार्मिक महोत्सव है जो भगवान शिव की पूजा, पापों का नाश, पति-पत्नी के मेल-मिलाप, सन्यासी धर्म के संचालन और मानव सेवा के महत्व को मनाता है.