IND VS AUS: विवादों में क्यों आए उस्मान ख़्वाजा! क्रिकेटर बोले- मैं ICC का सम्मान करता हूँ, लेकिन मैं इसका विरोध करूंगा
IND VS AUS Test Series: वीडियो जारी कर ख्वाजा ने कहा कि मैं इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नजरिए और फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन फिर भी मैं इसका विरोध करता हुआ दिखाई दूंगा.
हाइलाइट
- उस्मान ख्वाजा फिलिस्तीनियों का समर्थन करते नजर आए.
- आईसीसी ने क्रिकेटर के विचारों को राजनीति से प्रेरित बताया.
IND VS AUS Test Series: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में कहा कि सभी जीवन समान है और स्वतंत्रता एक मानवाधिकार है और इस संदेश के लिए उन्होंने जूते पहनने की अनुमति मांगी थी. लेकिन आईसीसी ने इसे राजनैतिक एजेंडा बताकर उन्हें अनुमति नहीं दी. सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी क्रिकेटर ने कहा कि वह एक मानवीय अपील करना चाहते थे.
मैं न्याय की गुहार करने वाले लोगों का समर्थन करता हूं: ख्वाजा
वीडियो में ख्वाजा ने आगे कहा कि मैं इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नजरिए और फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन फिर भी मैं इसका विरोध करता हुआ दिखाई दूंगा. आईसीसी नियमों की माने तो अगर कोई क्रिकेटर अगर काउंसिल की अनुमति के बिना संदेश वाले जूते पहनकर मैदान में खेलने के लिए आता है तो उसे रोक लिया जाएगा. इससे पहले कप्तान पैट कमिंस ने कहा था कि ख्वाजा ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं.
ख्वाजा ने टेस्ट मैच की ट्रेनिंग के दौरान संदेश वाले जूते पहने
ख्वाजा को पर्थ में टेस्ट मैच से पहले ट्रैनिंग के दौरान संदेश पहले जूते पहन रखे थे, जहां पर गाजा में फिलिस्तीनियों का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे थे. वह पहले भी गाजा के लोगों के समर्थन में पोस्ट करते हुए आए हैं. लेकिन इस बार ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान मैच के दौरान उन्होंने क्रिकेट बोर्ड से सम्मान, समता और मानवाधिकार के संदेश भरे जूते पहनने की अनुमति मांगी थी. जिसे आईसीसी ने यहा इंकार कर दिया कि यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है.
मौत और जिंदगी में इतना बड़ा मतभेद
सोशल मीडिया पर पोस्टर क्रिकेटर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने जन्म का स्थान चयन नहीं कर सकता है, उन्होंने आगे कहा कि मैं बचपन से सोचता रहा हूं कि सबकी जिंदगी बराबर नहीं होती है. लेकिन मैं ऐसा दुनिया में कभी नहीं रहा है, जहां पर मौत और जिंदगी में इतना मतभेद होता हो. इसके बाद उन्होंने गाजा में हो रहे नरसंहार का यूनिसेफ का एक वीडियो शेयर किया था.
हम किसी को निजी राय व्यक्त करने से नहीं रोक सकते: ACB
वहीं, बुधवार को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने कहा कि हम किसी व्यक्ति को निजी राय व्यक्त करने से नहीं रोक सकते हैं. लेकिन क्रिकेटर आईसीसी के नियमों पर चलने के लिए प्रतिबद्ध, ताकि नियमों का पालन किया जा सके. दूसरी तरफ पैट कमिन्स ने कहा कि मुझे लगता था कि ख्वाजा आईसीसी के नियमों का पूरा ज्ञान नहीं था. लेकिन इसके बाद भी कप्तान खुलकर उनके विचारों से सहमति दर्ज करते नजर आए. लेकिन उनका मानना था कि बस नियमों के तहत अपने मैसेज को लोगों पहुंचाया जाए तो वह बेहतर तरीका होगा.
मेरे लिए सभी धर्मों के लोग बराबर: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर
उस्मान ने अपने मैसेज में लोगों से कहा कि मेरे लिए एक यहूदी, मुस्लिम और हिंदू समान है, मैं सिर्फ उन लोगों की आवाज को दम दे रहा हूं जो लोग अपने लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैं जब गाजा में हजारों बच्चों को मरते हुए देखता हूं तो मुझे अपनी दोनों बेटियों की याद आती है. ये सब उनके साथ भी हो सकता था. कोई व्यक्ति अपने आप में कभी तय नहीं कर सकता है कि उसे कहां जन्म लेना है. ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर ने कहा इस भयंकर घटना से दुनिया ने अपना मुंह मोड़ लिया है, यह सबसे ज्यादा असहनीय है.