यशस्वी जायसवाल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में जड़ा पहला शतक
साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतक जमाया. इस पारी में उन्होंने अपनी प्रतिभा और धैर्य का दम दिखाया.

युवा भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पिछली बार निराश किया था, लेकिन तीसरे वनडे मैच में उन्होंने अपनी प्रतिभा और धैर्य का दम दिखाया. पहले दो मैचों में वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए थे और उनके लिए टीम में लगातार जगह बनाना चुनौतीपूर्ण हो गया था. पिछले एक साल से 50 ओवर के प्रारूप में उनके प्रदर्शन को लेकर काफी चर्चा रही, लेकिन रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसी स्थिर प्रतिभाओं के बीच मौके कम मिल रहे थे.
गर्दन की चोट के कारण गिल बाहर
हालांकि, जब गिल गर्दन की चोट के कारण बाहर हुए, तो यशस्वी के लिए खेल में वापसी का अवसर आया. तीसरे वनडे में उन्होंने विशाखापत्तनम के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में शानदार शतक जड़कर साबित कर दिया कि उन्हें इस प्रारूप में भविष्य में अवसर मिलना चाहिए. इस शतक के साथ, यशस्वी उन चुनिंदा भारतीय पुरुष बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने खेल के तीनों प्रारूपों में शतक बनाया है. उनके नाम से पहले रोहित शर्मा, विराट कोहली, सुरेश रैना, केएल राहुल और शुभमन गिल इस उपलब्धि को हासिल कर चुके हैं.
23 वर्षीय जायसवाल के लिए यह पारी इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि भारतीय टीम में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले रुतुराज गायकवाड़ और वापसी के लिए तैयार श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी भी फॉर्म में हैं. इसके अलावा, अभिषेक शर्मा भी भविष्य में चुनौती पेश कर सकते हैं. इस शतक के दम पर यशस्वी न केवल अपनी टीम में मौजूदगी मजबूत करेंगे, बल्कि भविष्य में भी जब गिल वापसी करेंगे, तब भी चयनकर्ता उन्हें बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज के रूप में प्राथमिकता देंगे.
रोहित शर्मा ने दर्ज की खास उपलब्धि
इसी मैच में रोहित शर्मा ने भी अपनी खास उपलब्धि दर्ज की. उन्होंने 73 गेंदों में 75 रन बनाए और वनडे क्रिकेट में किसी सलामी बल्लेबाज द्वारा लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे अधिक छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. पूर्व वेस्टइंडीज़ स्टार क्रिस गेल का रिकॉर्ड 177 छक्कों का था, जिसे रोहित ने 178 छक्कों के साथ पार कर लिया.
इस शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत ने तीसरा वनडे जीतकर श्रृंखला में 2-1 की मजबूत बढ़त बना ली है. यशस्वी जायसवाल की यह पारी न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी भविष्य में बड़े मैचों में भरोसेमंद विकल्प बनने का संकेत देती है.


