2 आधार कार्ड, 2 पैन कार्ड...अगर कर रहे हैं इस्तेमाल तो जान लें क्या है सजा
बिहार की सियासत में तेजस्वी यादव पर लगे दो वोटर आईडी रखने के आरोप ने राजनीतिक हलचल तो मचाई ही है, लेकिन इसके साथ ही आम नागरिकों को भी एक महत्वपूर्ण सबक दिया है. अगर आपके पास एक ही सरकारी दस्तावेज के दो संस्करण हैं, तो आप गंभीर कानूनी झमेले में फंस सकते हैं.

बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाले तेजस्वी यादव के दो वोटर आईडी प्रकरण ने आम लोगों के लिए भी एक बड़ा संदेश छोड़ा है अगर आपके पास एक से ज्यादा सरकारी दस्तावेज हैं, तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं. अक्सर लोग अनजाने में या सुविधा के लिए एक ही दस्तावेज दो बार बनवा लेते हैं, लेकिन यह कानूनन अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा और जुर्माना तय है.
तेजस्वी यादव पर लगे दो वोटर आईडी रखने के आरोपों की जांच चुनाव आयोग कर रहा है. लेकिन सवाल ये उठता है कि आम नागरिक किन दस्तावेज़ों के दोहराव से बचें और यदि गलती से ऐसा हो गया हो तो क्या करें? आइए जानते हैं कौन-कौन से दस्तावेज़ डुप्लीकेट रखना अपराध है और इससे क्या कानूनी परिणाम हो सकते हैं.
दो वोटर कार्ड रखना अपराध क्यों और कितनी सजा?
भारत में वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल न केवल मतदान के लिए, बल्कि पहचान पत्र के तौर पर भी होता है. कई बार लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के बाद नए पते पर दोबारा वोटर कार्ड बनवा लेते हैं, जिससे उनके पास दो EPIC नंबर हो जाते हैं. यह पूरी तरह गैरकानूनी है.
Representation of the People Act, 1950 के तहत, यदि किसी व्यक्ति के पास दो वैध वोटर आईडी कार्ड पाए जाते हैं तो उसे एक साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है. तेजस्वी यादव के मामले में भी यही सवाल उठा है कि क्या उनके पास दीघा विधानसभा में दो अलग-अलग EPIC नंबर हैं?
दो आधार कार्ड रखने पर सख्त सजा
आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा जारी किया गया एक यूनिक बायोमेट्रिक पहचान पत्र है. अगर कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से दो आधार कार्ड बनवाता है या किसी और का आधार कार्ड इस्तेमाल करता है, तो यह भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है.
UIDAI के नियमों के अनुसार, दो आधार कार्ड रखने पर व्यक्ति को तीन साल की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. चूंकि आधार कार्ड में बायोमेट्रिक्स जुड़ा होता है, इसलिए इसे धोखे से दोबारा बनवाना आसान नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो सख्त कार्रवाई तय है.
दो पैन कार्ड होना फर्जीवाड़े के बराबर
पैन कार्ड टैक्स संबंधित गतिविधियों के लिए बेहद अहम दस्तावेज़ है. लेकिन यदि किसी के पास दो अलग-अलग पैन कार्ड पाए जाते हैं, तो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 272B के तहत उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा टैक्स चोरी और फाइनेंशियल फ्रॉड की जांच भी हो सकती है. सरकार अब PAN 2.0 जैसे डिजिटल अपग्रेड्स के जरिए इस तरह के मामलों पर नजर रख रही है, जिससे दोहरा पैन कार्ड रखने वालों की पहचान आसान हो सके.
क्या करें अगर आपके पास दो दस्तावेज हैं?
तुरंत एक दस्तावेज को सरेंडर करें.
संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाकर डुप्लीकेट कैंसिल करने का आवेदन करें.
पेनल्टी या लीगल एक्शन से बचने के लिए खुद पहल करें.
झूठी जानकारी देने से बचें, क्योंकि यह अपराध है.


