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राजस्थान विधानसभा से BJP विधायक कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले के बाद लिया गया फैसला

BJP MLA Kanwarlal Meena: विधायक कंवरलाल मीना की राजस्थान विधानसभा सदस्यता, उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद, वासुदेव देवनानी द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) और 'प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951' के तहत रद्द की गई.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

BJP MLA Kanwarlal Meena: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को बीजेपी विधायक कंवरलाल मीना की सदस्यता को रद्द कर दिया. यह कदम तीन सप्ताह बाद लिया गया, जब राजस्थान उच्च न्यायालय ने मीना को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. इस निर्णय के साथ ही, कंवरलाल मीना का एंटी विधानसभा क्षेत्र की सदस्यता अब समाप्त हो गई है. यह फैसला एक ऐसे समय में आया है, जब विपक्षी नेता तिकाराम जुल्ली ने विधानसभा अध्यक्ष की निष्क्रियता को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

कंवरलाल मीना ने 21 मई को झालावार जिले के मनोहर थाना कोर्ट में आत्मसमर्पण किया. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई दो सप्ताह की राहत अवधि समाप्त हो चुकी थी. इसके बाद, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मीना की सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी की. मीना को 2005 के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जिसमें उन्होंने एक सार्वजनिक अधिकारी को रिवॉल्वर से धमकी दी थी.

कंवरलाल मीना का 2005 मामला

यह मामला 2005 में हुआ था, जब कंवरलाल मीना ने तत्कालीन आरएएस अधिकारी रामनिवास मेहता को रिवॉल्वर से धमकी दी थी. मीना ने मेहता से मांग की थी कि वह दो मिनट के भीतर सरपंच चुनाव के लिए फिर से मतदान का आदेश दें, नहीं तो उन्हें मौत का सामना करना पड़ेगा. मेहता, जो अब राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव हैं, ने कहा था, "रिवॉल्वर किसी को मार सकती है, लेकिन फिर से मतदान नहीं करवा सकती."

विधानसभा अध्यक्ष का स्पष्टीकरण

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जैसे ही शुक्रवार सुबह 10:30 बजे राज्य के महाधिवक्ता से कानूनी राय प्राप्त हुई, मीना की अयोग्यता की घोषणा की गई. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे पूरी तरह से कानून और न्याय के आधार पर निर्णय लेते हैं और इसमें कोई पक्षपाती व्यवहार नहीं होता. देवनानी ने कांग्रेस पार्टी से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक न बनाएं.

विपक्ष ने की आलोचना

कांग्रेस पार्टी और विपक्षी नेता तिकाराम जुल्ली ने विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाए और कहा कि कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द करने में अत्यधिक देर की गई. जुल्ली ने कहा, "संविधान को बनाए रखने में 23 दिन लग गए, जो तुरंत लागू किया जाना चाहिए था. हमे न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा."

कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द होने से विधानसभा की स्थिति

मीना की सदस्यता रद्द होने के बाद अब राजस्थान विधानसभा की संख्या 199 रह गई है. उनकी सीट बारां जिले के अंतर्गत आने वाले अंता क्षेत्र में खाली हो गई है. बीजेपी के विधायकों की संख्या अब 118 रह गई है, जबकि कांग्रेस के पास 66 विधायक हैं, साथ ही अन्य छोटे दल और स्वतंत्र विधायक भी हैं.

कानूनी पहलू

कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द की गई है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) और 1951 के 'प्रतिनिधित्व अधिनियम' की धारा 8(3) के तहत उन विधायकों को सदस्यता से वंचित किया जाता है, जो दो साल से अधिक सजा प्राप्त करते हैं.

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23 May 2025, 05:47 PM IST

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