Delhi में बनेगा देश का पहला e-waste eco park

आज जिस तरह से देश दुनिया में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है और वो गैजेट जहर बनकर हमारे

Janbhawana Times
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आज जिस तरह से देश दुनिया में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है और वो गैजेट जहर बनकर हमारे वातावरण में वापस आ रहे हैं जो न केवल पर्यावरण बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। हम अपने घरों और उद्योगों में जिन इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को इस्तेमाल के बाद फेंक देते है, वहीं बेकार फेंका हुआ कचरा इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट यानी ई-वेस्ट कहलाता है। इनसे समस्या तब उत्पन्न होती है जब इस कचरे का उचित तरीके से कलेक्शन नहीं किया जाता। साथ ही इनके गैर-वैज्ञानिक तरीके से निपटान किए जाने की वजह से पानी, मिट्टी और हवा जहरीले होते जा रहे हैं। जो स्वास्थ्य के लिए भी समस्या बनते जा रहे हैं।

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस ओर एक बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली के होलंबी कलां में 12 एकड़ भूमि में भारत का पहला ई-कचरा ईको पार्क बनाने की घोषणा की है। ये पार्क लगभग 23 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को एक ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण को लेकर पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त समीक्षा बैठक की। बैठक में गोपाल राय ने कहा कि भारत का पहला ई-कचरा ईको पार्क दिल्ली के होलंबी कलां में बनेगा और ये 12 एकड़ भूमि में फैला होगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए 11 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया गया है और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम को इसकी इंप्लीमेंटेशन एजेंसी बनाया गया है।

गोपाल राय के मुताबिक, ईको पार्क का निर्माण तेजी से पूरा करने के लिए संबंधित एजेंसी को जल्द से जल्द एक सलाहकार नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में हर साल दो लाख टन से ज्यादा ई-कचरा पैदा होता है जो देशभर में उत्पादित कुल ई-कचरे का लगभग 9.5 फीसदी हिस्सा है। राष्ट्रीय राजधानी में पैदा महज पांच फीसदी ई-कचरे को ही ठीक तरीके से रिसाइकिल किया जाता है। राय ने कहा कि ई-कचरा ईको पार्क से हमारा मतलब एक ऐसी जगह की स्थापना है जहां ई-कचरे को इस तरह से तोड़ा, नवीनीकृत, रिसाइकिल और नई वस्तु में ढाला जाता है, जो विज्ञान और पर्यावरण के अनुकूल हो। गोपाल राय ने कहा कि ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण का फैसला इस तथ्य के मद्देनजर किया गया है कि दिल्ली भारत में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद ई-कचरा की पांचवीं सबसे बड़ी उत्पादक है।

राय ने दावा किया कि इस ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण से ई-कचरे से होने वाले प्रदूषण के स्तर में भारी कमी लाई जा सकेगी। बता दें कि ई-कचरा पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी काफी खतरनाक है। ई-कचरे में 1,000 से अधिक ज़हरीले पदार्थ होते हैं जो मिट्टी और भूजल को दूषित करते हैं। अगर मिट्टी और भूजल दोनों दूषित होंगे तो इसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ेगा जो एक खतरनाक स्थिति होगी। ये भी बता दें कि 14 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत साल 2018 में हुई थी। इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में हर साल उत्पन्न होने वाले लाखों टन ई-कचरे के बारे में जागरूकता बढ़ाना है जिसका पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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09 July 2022, 09:01 PM IST

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