'बहन’ कहकर फंसाया फिर जबरन गोमांस खिलाया और जंजीरों में बांधकर रखा' – MP में लव जिहाद का भयावह सच!
MP की एक लड़की की कहानी सुनकर रूह कांप उठेगी — पहले दोस्ती, फिर धोखा, शादी का नाटक और आखिर में जंजीरों में कैद कर दरिंदगी की हदें पार कर दी गईं. अब उसने खामोशी तोड़ दी है और जो खुलासे किए हैं, वो झकझोर कर रख देंगे. पूरी सच्चाई जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे."

Love Jihad: मध्य प्रदेश के महू से एक बेहद चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां की एक 28 वर्षीय युवती ने कई सालों की चुप्पी तोड़ते हुए अपने साथ हुए जुल्मों की पूरी कहानी बताई है. पीड़िता के मुताबिक, एक युवक ने पहले खुद को हिंदू बताते हुए दोस्ती की, फिर उसे 'बहन' कहकर भरोसे में लिया और बाद में उसकी जिंदगी को अंधेरे में धकेल दिया.
कैसे शुरू हुई दरिंदगी की दास्तान
पीड़िता ने बताया कि साल 2013 में वह राऊ की एक निजी कंपनी में काम करती थी, जहां उसकी मुलाकात संजय नाम के युवक से हुई. उसने अपना नाम संजय कुमावत बताया था. दोस्ती के बाद वह उसे बहन कहकर बुलाने लगा और धीरे-धीरे उससे नजदीकियां बढ़ाता गया. एक दिन जब युवती की तबीयत खराब थी, वह मिलने आया और नाश्ते में कोल्डड्रिंक के जरिए नशीला पदार्थ पिला दिया. इसके बाद उसने युवती के साथ दुष्कर्म किया और धमकी दी कि उसकी वीडियो-फोटो बना ली है.
शादी की आड़ में धोखा
डर के मारे युवती चुप रही, फिर संजय उसे खजराना मंदिर ले गया, जहां मांग में सिंदूर भरकर शादी का नाटक किया. बाद में मंदसौर, कोटा और भवानी मंडी में अलग-अलग जगह रखा गया और एक मौलाना की मौजूदगी में निकाह करवा दिया गया. वहां भी पीट-पीटकर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया.
जंजीरों में कैद और दरिंदगी की इंतहा
शादी के बाद उसे रोजाना कलमा पढ़ने को मजबूर किया गया, जबरन गोमांस खिलाया गया और जंजीरों में बांधकर कमरे में कैद कर लिया गया. भागने की कोशिश पर बेरहमी से पीटा गया, तीन दिन तक खाना-पानी नहीं दिया गया. युवती ने बताया कि इस दौरान वह गर्भवती थी, फिर उसके बेटे का नाम जबरन 'जुनैद' और बेटी का नाम 'जोया' रखवाया गया.
अब जागी कानून की नजर
अब पीड़िता की शिकायत पर महू पुलिस ने संजय खान समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ दुष्कर्म, जबरन धर्म परिवर्तन और कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. आरोपियों में संजय खान, नाहरु खान, शेरो बी, बाबू खान और राज खान के नाम शामिल हैं. यह मामला सिर्फ एक युवती की आपबीती नहीं, बल्कि उन सैकड़ों मासूम लड़कियों की आवाज है जो धोखे, डर और समाज के दबाव में चुप रहती हैं. अब वक्त है कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई हो और दोषियों को सजा मिले