पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास की आग से झुलसने के कारण मौत, उदयपुर में हुआ हादसा
गिरिजा व्यास 31 मार्च 2025 को उदयपुर स्थित अपने आवास पर आरती के दौरान आग की चपेट में आकर झुलस गई थीं. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उन्होंने 1991 में उदयपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार संसद में प्रवेश किया था.

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का 1 मई 2025 को राजस्थान के उदयपुर में निधन हो गया. 31 मार्च को गणगौर पूजा के दौरान उनके दुपट्टे में दीपक की लौ से आग लग गई थी, जिससे वे गंभीर रूप से झुलस गईं. उन्हें तत्काल उदयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल रेफर किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा था. उनकी हालत नाजुक बताई जा रही थी और उन्होंने दम तोड़ दिया.
गिरिजा व्यास का परिचय
डॉ. गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई 1946 को राजस्थान के नाथद्वारा में हुआ था. उन्होंने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर और डेलावेयर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. वे आठ पुस्तकों की लेखिका थीं, जिनमें से तीन कविता संग्रह हैं. उनका राजनीतिक करियर 1985 में राजस्थान विधानसभा से शुरू हुआ और वे 1991 में उदयपुर से लोकसभा सदस्य चुनी गईं. नरसिंह राव सरकार में उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में उपमंत्री के रूप में कार्य किया. वे राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. 2013 में उन्होंने केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में मंत्री के रूप में कार्य किया.
अशोक गहलोत ने दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस पार्टी और अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका निधन अपूरणीय क्षति है. कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने उन्हें महिला अधिकारों की समर्थक और बहुमुखी कवि बताया. असम कांग्रेस ने उन्हें 'महिला अधिकारों की समर्थक और बुद्धिमत्ता की आवाज़' कहा.


