शादी के वादे से पीछे हटना हर बार रेप नहीं-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने आरोपी को बरी कर दिया। महिला शादीशुदा थी और वह 3 बच्चों की मां थी।

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

अकसर ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जब दो प्रेमी जोड़े अदालत पहुंच जाते हैं। रिलेशनशिप में रहते हुए कपल शादी तक का वादा कर लेते हैं। लेकिन कई बार कई कारणों से कपल अपने इस वादे को पूरा नहीं कर पाते। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सनवाई करते हुए कहा कि कहा कि शादी के वादे से पीछे हटना हर बार रेप नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में 10 साल कैदी की सजा काट रहे आरोपी को जमानत दे दी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने आरोपी को बरी कर दिया। महिला शादीशुदा थी और वह 3 बच्चों की मां थी। इस तरह वह काफी मैच्योर थी, परिस्थितियों अनजान नहीं थी। महिला ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए जो सहमति दी। वह गलतफहमी नहीं थी और इस आधार पर आरोपी को धारा-376 में दोषी नहीं ठहराया जा सकता। दरअसल उत्तम नगर दिल्ली इलाके में आरोपी रहता था।

जिस पर एख शादीशुदा महिला ने रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसकी सजा आरोपी काट रहा आपको बता दें कि आरोपी किराए पर रहता था और महिला भी पड़ोस में रहती थी। दोनों में दोस्ती हुई और बातचीत शुरू हो गई। महिला उसे पसंद करने लगी। बता दें महिला शादीशुदा थी और उसके तीन बच्चे पहले से ही थे। इसके बाद आरोपी और महिला में शारीरिक संबंध बनने लगे। जिससें दोनों का एक बच्चा भी हुआ।

महिला जब आरोपी के गांव गई तो उसे पता चला कि आरोपी पहले से शादीशुदा है। महिला ने साल 2014 में अपने पति से तलाक लिया और आरोपी के गांव अपने बच्चों को छोड़ आई। इसके बाद महिला ने साल 2015 में आरोपी के खिलाफ शिकायत की और शादी का झूठा वादा करके रेप का आरोप लगाया। जिसके बाद आरोपी को 10 साल की कैद की सजा हुई और यो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

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01 February 2023, 11:18 AM IST

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