तेलंगाना के बुद्धिजीवियों ने प्रधान मंत्री को पत्र लिखकर लगाई गुहार

तेलंगाना के बुद्धिजीवियों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को पत्र लिखकर राज्य में विकास योजनाओं को जल्द लागू करने की गुहार लगाई है। ऊन्होने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के आठ साल बीत चुके हैं, किर भी बंटवारे के समय किए वादे अबतक पूरे नहीं हुए हैं। तेलंगाना के दर्जनों बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र पर हस्ताक्षर कर कहा कि हम प्रधानमंत्री का तेलंगाना राज्य में स्वागत करते हैं।

Janbhawana Times
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हैदराबाद । तेलंगाना के बुद्धिजीवियों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को पत्र लिखकर राज्य में विकास योजनाओं को जल्द लागू करने की गुहार लगाई है। ऊन्होने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के आठ साल बीत चुके हैं, किर भी बंटवारे के समय किए वादे अबतक पूरे नहीं हुए हैं। तेलंगाना के दर्जनों बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र पर हस्ताक्षर कर कहा कि हम प्रधानमंत्री का तेलंगाना राज्य में स्वागत करते हैं। आपने कई बार तेलंगाना राज्य का दौरा किया है और कई आश्वासन भी दिए थे जो अबतक पूरा नहीं हो पाए हैं।

पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के आठ साल बीत चुके हैं, किर भी बंटवारे के समय किए वादे पूरे नहीं हुए हैं। स्टील कारखाना स्थापित करने के वादे पर काम शुरू नहीं हो पाया है। काजीपेट में कोच फैक्ट्री स्थापित करने के बजाय दस राज्यों में कोच फैक्ट्री स्थापित किया जा चुका है लेकिन तेलंगाना को नजरअंदाज किया गया है। तेलंगाना में आदिवासी विश्वविद्यालय स्थापित करने की अबतक कोई योजना नहीं है। पुनर्गठन अधिनियम के तहत राज्य को मिलने वाली औद्योगिक सब्ससडी नहीं मिली है। युवाओं को रोजगार प्रदान करने की क्षमता रखनेवाली आईटीआईआर (ITIR) प्रोजेक्ट को रद्द करके तेलंगाना के साथ अन्याय किया गया है।

पूरे देश में 22 साफ्टवेयर पार्क की घोषणा की गई लेकिन तेलंगाना के लिए एक भी सॉफ्टवेयर पार्क नहीं

आवंटित किया गया है। आपके प्रधानमंत्री बनने के बाद, 157 मेडिकल कॉलेज, 16 आईआईएम, 87 नवोदय स्कूल, 12 आईसीआर, आईआईआईटी और अन्य संस्थानों को स्थापित किया गया लेकिन तेलंगाना के लिए एक भी कौशल संस्थान आवंटित नहीं किया गया । तेलंगाना राज्य में कृषि क्षेत्र में भारी विकास हुआ है। यहां उगाए गए अनाज को खरीदने में केन्द्र सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैये से तेलंगाना के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। आपकी सरकार तेलंगाना में संगरेनी कोलियरी को निजी लोगों को सौंपने की तैयारी कर रही है। तेलंगाना के बुद्धिजीवियों ने पत्र में कहा कि हम आपसे तेलंगाना राज्य के लिए निम्न वादों को पूरा करने की मांग करते हैं:

1. राज्य पुनर्गठन अधिनियम में तेलंगाना से किए गए वादों को तुरंत पूरा किया जाए।

2. ITIR (आईटीआईआर) को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए या तेलंगाना के लिए एक समकक्ष योजना की घोषणा की जानी चादहए।

3. राज्य को सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क आवंटित किया जाए।

4. तेलंगाना के लिए मेडिकल कॉलेज, नवोदय विद्यालय, आईआईएम जैसे शैक्षणिक संस्थान आवंटित किया जाना चाहिए।

5. तेलंगाना के कृषि उत्पादों को बिना भेदभाव के खरीदा जाना चाहिए।

6. तेलंगाना राज्य के प्रति भेदभावपूणॅ रवैये को छोड देना चाहिए। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठाना चाहिए।

पत्र लिखने में  प्रो. रमा मेलकोट, सेवानिवृत प्रोफेसर, उस्मानिया विश्वविद्यालय, प्रो. शीला प्रसाद, सेवानिवृत प्रोफेसर, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रो. गट्टूसत्यनारायण, सेवानिवृत प्रोफेसर, उस्मानिया विश्वविद्यालय,  प्रो. एम. चेन्ना बसवैया, सेवानिवृत प्रोफेसर, उस्मानिया विश्वविद्यालय, प्रो. एमवी रामनमूनत, हैदराबाद केंद्रीय पवश्वपवद्यालय, प्रो. घंटा चक्रपाखण, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर मुक्त विश्वपविद्यालय,  प्रो वी. कृष्णा, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय,  प्रो. पलासमरी रामुलु, हैदराबाद कें द्रीय विश्वविद्यालय, प्रो. राघवरेड्डी, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रो। टी. श्रीननवास, काकतीय विश्वविद्यालय, प्रो. लसहेच. ददनेश, काकतीय विश्वविद्यालय, प्रो. सूरेपल्ली सुजाता, सातवाहन विश्वविद्यालय, गोगूश्यामला, दलित लेखक शामिल है। 

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09 November 2022, 09:29 PM IST

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