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कांवड़ यात्रा के बाद हरिद्वार में कूड़े का सैलाब, 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा छोड़ गए कांवड़िए

कांवड़ यात्रा संपन्न होने के बाद हरिद्वार में गंदगी का अंबार लग गया है. करीब साढ़े चार करोड़ कांवड़ यात्री गंगाजल लेकर तो लौट गए, लेकिन पीछे 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा छोड़ गए. इससे गंगा घाटों और शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Kanwar Yatra: श्रावण माह की पावन कांवड़ यात्रा संपन्न होने के बाद हरिद्वार में करीब साढ़े चार करोड़ श्रद्धालु गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों को लौट चुके हैं. लेकिन उनके लौटने के साथ ही शहर की गलियों, सड़कों और गंगा घाटों पर भारी मात्रा में गंदगी और कूड़ा भी छूट गया. नगर निगम प्रशासन के अनुसार, इस वर्ष करीब 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा हरिद्वार में जमा हुआ है. इसकी सफाई के लिए दो से तीन दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है.

हरिद्वार नगर निगम ने घाटों की सफाई के लिए विशेष सफाई महाअभियान शुरू किया है. चार नोडल अधिकारियों और 11 मुख्य सफाई निरीक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है ताकि गंगा घाटों को दोबारा स्वच्छ और दर्शन योग्य बनाया जा सके. बुधवार शाम की गंगा आरती से पूर्व अधिकांश घाटों की सफाई कर ली गई और गुरुवार सुबह तक सभी घाटों को चमकाने का दावा भी किया गया.

हरकी पैड़ी से लेकर रोड़ी बेलवाला तक गंदगी का अंबार

कांवड़ यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई से हुई थी. प्रारंभ में संख्या कम रही, लेकिन जैसे-जैसे यात्रा ने रफ्तार पकड़ी, श्रद्धालुओं ने पवित्र शहर में गंदगी फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. खाद्य सामग्री, पालीथिन, प्लास्टिक बोतलें, कपड़े, जूते-चप्पल घाटों और सड़कों पर फेंके गए. हरकी पैड़ी क्षेत्र, मालवीय घाट, सुभाष घाट, महिला घाट, रोड़ी बेलवाला और बैरागी कैंप जैसे इलाकों में जगह-जगह दुर्गंध और शौच के कारण स्थिति बिगड़ी.

नगर आयुक्त नंदन कुमार ने बताया, "श्रावण कांवड़ मेले में इस बार 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा निकला है. मेले के पहले सात दिन प्रतिदिन औसतन 600-700 मीट्रिक टन कूड़ा उत्पन्न हुआ. वहीं 19 जुलाई से डाक कांवड़ शुरू होने के बाद यह मात्रा बढ़कर 1000-1200 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गई."

नगर निगम का युद्ध स्तर पर सफाई अभियान

हरिद्वार नगर निगम की ओर से सफाई कार्य के लिए 1000 अतिरिक्त सफाईकर्मी, 15 ट्रैक्टर ट्रॉली, 3 लोडर, 3 टिपर और 8 सीएनजी वाहन तैनात किए गए हैं. सुभाष घाट, नाई सोता, बिरला घाट, कांगड़ा पुल जैसे मुख्य घाटों पर प्राथमिकता के आधार पर सफाई की जा रही है.

हरिद्वार के बाहरी घाटों की ही नहीं, बल्कि अंदरूनी हिस्सों की सफाई व्यवस्था भी लचर रही. ज्वालापुर रेलवे रोड और पीपलान मोहल्ला स्थित ट्रांसफर स्टेशन जैसे क्षेत्रों में दोपहर तक गंदगी पड़ी रही. स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने सफाई को लेकर प्रशासन से नाराजगी भी जताई.

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24 July 2025, 12:26 PM IST

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