दलित या मुस्लिम... धनखड़ के इस्तीफे के बाद नया उपराष्ट्रपति कौन? रेस में ये 6 चेहरे सबसे आगे
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के संभावित इस्तीफे की अटकलों के बीच सियासी गलियारों में नया चेहरा कौन होगा, इस पर चर्चा तेज हो गई है. भाजपा नेतृत्व अब एक ऐसा उम्मीदवार तलाश रहा है जो राजनीतिक, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साध सके. इस बार चर्चा में दलित और मुस्लिम समुदाय से आने वाले नाम भी हैं. आइए जानते हैं वो 6 चेहरे जो उपराष्ट्रपति की रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं.

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. इस्तीफे की वजह भले ही स्वास्थ्य कारण बताए गए हों, लेकिन अब सियासी गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही है—आख़िर अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? चुनाव आयोग जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. इस बीच बीजेपी और एनडीए की तरफ से कई संभावित नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें दलित और मुस्लिम दोनों समुदायों से आने वाले नेताओं की चर्चा तेज हो गई है.
सूत्रों के मुताबिक़, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल में होने वाले राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी उपराष्ट्रपति पद के लिए एक रणनीतिक चेहरा मैदान में उतार सकती है. ऐसे में दलित और मुस्लिम प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर जिन नामों पर चर्चा चल रही है, वे ना सिर्फ़ सामाजिक समीकरण साधते हैं, बल्कि पार्टी की आगामी चुनावों में मजबूती भी बढ़ा सकते हैं.
थावर चंद गहलोत - दलित चेहरा
थावर चंद गहलोत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और दलित समाज के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक हैं. मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद रह चुके गहलोत नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय संभाल चुके हैं. वे पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड में भी शामिल रहे हैं. गहलोत को विवादों से दूर, अनुशासित और अनुभवी नेता के रूप में देखा जाता है. उनकी जातीय पहचान और संगठन में मजबूत पकड़ उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है.
ओम माथुर - मोदी-शाह के करीबी
राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले ओम प्रकाश माथुर वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल हैं. वे RSS के प्रचारक भी रह चुके हैं और संगठनात्मक कौशल में माहिर माने जाते हैं. उन्होंने कई राज्यों में पार्टी के लिए इलेक्शन मैनेजर की भूमिका निभाई है और पीएम मोदी तथा अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. राजस्थान, गुजरात, यूपी और बिहार जैसे राज्यों में चुनाव जीत में उनकी रणनीतिक भूमिका रही है. ऐसे में उनका नाम भी उपराष्ट्रपति पद के लिए मजबूत दावेदारों में शामिल है.
आरिफ मोहम्मद खान- मुस्लिम चेहरा
आरिफ मोहम्मद खान, वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं और एक मॉडरेट मुस्लिम नेता के रूप में जाने जाते हैं. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आने वाले आरिफ, लंबे समय से बीजेपी के करीबी रहे हैं और शाह बानो केस के दौरान उनका रुख़ उन्हें खास बनाता है.
इस समय केंद्र में किसी मुस्लिम चेहरे की अनुपस्थिति में यदि बीजेपी उन्हें उपराष्ट्रपति बनाती है तो यह राजनीतिक रूप से बड़ा संदेश होगा. पश्चिम बंगाल और बिहार में मुस्लिम मतदाताओं को साधने की रणनीति में यह दांव असरदार साबित हो सकता है.
हरिवंश- अनुभव और संतुलन का प्रतीक
हरिवंश, वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं और जदयू के सांसद हैं. उनका अनुभव, संतुलित राजनीतिक छवि और एनडीए के साथ बेहतर तालमेल उन्हें इस पद के लिए सहज और प्रभावी उम्मीदवार बनाते हैं.
बिहार में जदयू के साथ समीकरण सुधारने के लिए बीजेपी उन्हें समर्थन दे सकती है. वे सॉफ्ट स्पोकन और निष्पक्ष छवि के नेता हैं, जो सभी दलों में स्वीकार्य माने जाते हैं.
रमा देवी- महिला और पिछड़ा वर्ग समीकरण
रमा देवी, बिहार की वरिष्ठ नेता हैं और शिवहर लोकसभा सीट से लगातार तीन बार बीजेपी से सांसद चुनी गई हैं. उनके पति बृज बिहारी प्रसाद भी बिहार में लोकप्रिय नेता रहे हैं. पार्टी यदि महिला और पिछड़े वर्ग को साधने की रणनीति पर काम करती है तो रमा देवी एक आकर्षक विकल्प बन सकती हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनकी उम्मीदवारी पार्टी को पिछड़ा और महिला वोट बैंक को जोड़ने में मदद कर सकती है.
रामनाथ ठाकुर - OBC चेहरा
रामनाथ ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं और वर्तमान में जदयू के राज्यसभा सांसद हैं. वे बिहार के EBC और OBC वर्गों में खासे लोकप्रिय हैं. हाल ही में उनकी जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उनके नाम की चर्चा ने गति पकड़ी है. बीजेपी यदि EBC/OBC समीकरण को साधना चाहती है तो रामनाथ ठाकुर एक राजनीतिक रूप से सटीक दांव साबित हो सकते हैं.


