Mukhtar Ansari को हुई उम्र क़ैद, 1990 के मामले में अदालत ने सुनाई सज़ा

यह तीसरा मामला है जिसमें मुख़्तार अंसारी को सज़ा सुनाई गई हो. इससे पहले मुख़्तार अंसारी दो मामलों में बाँदा जेल में क़ैद हैं. 

JBT Desk
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Mukhtar Ansari: मुख़्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. वाराणसी की MP/MLA कोर्ट ने उन्हें फ़र्ज़ी हथियार लाइसेंस मामले में उम्र क़ैद की सज़ा सुना दी है. साथ ही 2 लाख 2 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. मुख़्तार अंसारी फ़िलहाल बाँदा जेल में क़ैद हैं और कुछ मामलों में पहले ही सज़ा पा चुके हैं. आज जब अदालत ने सज़ा का ऐलान किया तो अंसारी जेल में ही थे उन्हें वीडियो कॉल के ज़रिए अदालत में पेश किया गया था. 

मुख़्तार अंसारी को जिस मामले में सज़ा सुनाई गई है वो 1990 का है. मामले की बारे में बात करें तो मुख़्तार अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने हथियार के लाइसेंस के लिए DM और SP के फ़र्ज़ी हर्ताक्षर करवाए थे. ख़बरों के मुताबिक़ ग़ाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में उनके ख़िलाफ़ यह केस दर्ज हुआ था. ना सिर्फ़ मुख़्तार अंसारी बल्कि जिला मजिस्ट्रेट समेत कई लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ था. आरोप था कि उन्होंने दो नाली बंदूक़ के लाइसेंस के लिए डीएम और एसपी के फ़र्ज़ी दस्तख़त किए थे. 

स्पेशल जज अवनीश गौतम की कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 466/120B में उम्रकैद, 420/120 में 7 साल की सजा 50 हजार जुर्माना, 468/120 में 7 साल की सजा 50 हजार जुर्माना और आर्म्स एक्ट में 6 माह की सजा सुनाई है. इस मामले की सुनवाई फ़रवरी में ख़त्म हो चुकी थी. उस वक़्त अदलात ने 12 मार्च को फ़ैसला सुनाने की बात कही थी. इसलिए अदालत ने 12 मार्च को फ़ैसला सुनाया और आज यानी 13 मार्च को सज़ा का ऐलान किया है. 

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13 March 2024, 03:22 PM IST

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