बंगाल सरकार की दुआरे राशन योजना में कुछ भी अवैध नहीं: High Court

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल दुआरे राशन योजना में कुछ भी अवैध नहीं है जिसके तहत ममता बनर्जी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों के घर पर खाद्यान्न वितरित करती है। राज्य सरकार की

Janbhawana Times
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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल दुआरे राशन योजना में कुछ भी अवैध नहीं है जिसके तहत ममता बनर्जी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों के घर पर खाद्यान्न वितरित करती है। राज्य सरकार की दुआरे राशन योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने कहा कि पहले भी इसी तरह के मुद्दे पर राशन दुकान विक्रेताओं ने याचिका दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने तब भी दुआरे राशन योजना में हस्तक्षेप नहीं किया था। न्यायमूर्ति राव ने 16 जून को पारित फैसले में कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के प्रावधानों के अनुसार, राज्य सरकार का दायित्व है कि वह पात्र व्यक्तियों को निर्दिष्ट मूल्य पर खाद्यान्न की वास्तविक प्रदायगी या आपूर्ति सुनिश्चित करे।

अदालत ने कहा कि लाभार्थियों के घर पर खाद्यान्न पहुंचाने के राज्य सरकार के फैसले को "एनएफएसए के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता"। अदालत के समक्ष दायर एक रिट आवेदन में आग्रह किया गया कि राज्य सरकार द्वारा 13 सितंबर, 2021 को जारी की गई उस अधिसूचना को असंवैधानिक करार दिया जाए जिसमें पश्चिम बंगाल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (रखरखाव और नियंत्रण) आदेश, 2013 के एक प्रावधान में संशोधन किया गया था।

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19 June 2022, 07:47 PM IST

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