पेट्रोल पंप कारोबारी ने एसएसआई पर लगाए गंभीर आरोप, एसएसआई की पत्नी ने की मामले में निष्पक्ष जांच की मांग
रुड़की के एक होटल में पेट्रोल पंप व्यवसायी ने पत्रकार वार्ता कर सिविल लाइन कोतवाली में तैनात एसएसआई पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
रुड़की के एक होटल में पेट्रोल पंप व्यवसायी ने पत्रकार वार्ता कर सिविल लाइन कोतवाली में तैनात एसएसआई पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। साथ ही पद का दुरुपयोग करते हुए झूठा मुकदमा दर्ज करवाने का भी आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि भविष्य में गंभीर मुकदमे दर्ज करवाने की चेतावनी भी एसएसआई द्वारा दी गई है। उधर एसएसआई की पत्नी ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।
आपको बता दें कि रुड़की के रामनगर चौक स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पेट्रोल पंप कारोबारी आनंद सेठ ने कहा कि वह साल 2010 से पंप के कारोबार में लगे हुए हैं। वहीं साल 2014 में पंप कंपनी द्वारा एक विज्ञापन दिया गया था जिसमें मंगलौर-लंढौरा रोड पर एक पंप अनुसूचित जाति की महिला के नाम पर आवंटित करने की बात कही थी।
आनंद के अनुसार विज्ञापन देखकर उस समय सिविल लाइन कोतवाली में तैनात दरोगा केदार सिंह चौहान ने उनसे संपर्क किया और उनके द्वारा कहा गया कि वह यह पंप अपनी पत्नी के नाम लगवा सकते हैं लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। आनंद सेठ के अनुसार उन्होंने पैसों का इंतजाम करने की बात कही और केदार सिंह चौहान की पत्नी के नाम से पंप लेने की सहमती बनी जिसके बाद साल 2014 नवंबर में पंप के लिए आवेदन किया गया और 2015 में पंप निर्मला चौहान के नाम से आवंटित हुआ।
इसके बाद कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद साल 2016 में पंप शुरू हुआ और इस पंप में 10 प्रतिशत की पार्टनरशिप केदार सिंह चौहान की पत्नी के नाम हुई जिसमें स्पष्ट लिखा है कि वह कोई पैसा खर्च नही करेंगे और किसी नुकसान में उनका कोई देना नही होगा सिर्फ लाभ में वह साझेदार होंगे। उन्होंने कहा कि अब 15 जून 2022 को केदार सिंह चौहान की नियुक्ति सिविल लाइन कोतवाली में हुई।
उसके बाद उन्होंने कई बार उन्हें कोतवाली बुलाया ओर पंप छोड़ने के लिए कहा। आनंद सेठ के अनुसार जब उन्होंने पंप में लगाई गई लागत मांगी तो चौहान ने कहा कि वह केवल ड्राफ्ट के पैसे देंगे। आनंद की माने तो चौहान ने पंप न छोड़ने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी और 20 अगस्त को मंगलौर कोतवाली में एक झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी। वहीं आनंद सेठ ने कहा कि केदार सिंह चौहान अपने पद का दुरुपयोग करके जांच प्रभावित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि मामले में उनके साथ न्याय होगा। वही इस मामले में केदार सिंह चौहान की पत्नी निर्मला चौहान का कहना है कि उन्होंने उनके साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने बताया कि आनंद सेठ को उन्होंने बड़ा भाई माना हुआ था हालांकि उन्होंने बताया कि इस पेट्रोल पंप में उनका कोई पैसा नहीं लगा है। सारा पैसा कंपनी की तरफ से लगा है।
उन्होंने कहा कि हमने जो मुकदमा दर्ज कराया है उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर हम कसूरवार हैं तो हमें इसकी सजा मिलनी चाहिए और अगर वह दोषी है तो उनको सजा मिलनी चाहिए।