सीएम से कम नहीं दिल्ली मेयर की शक्तियां
आखिरकार ढ़ाई महीने बाद दिल्ली को नया मेयर मिल गया। आम आदमी पार्टी (Aap) उम्मीदवार शैली ओबेरॉय अब दिल्ली की नई मेयर चुनी गई। कहा जाता है कि दिल्ली मेयर की शक्तियां मुख्यमंत्री से कम नहीं होती हैं। यह मेयर की इच्छा शक्ति पर निर्भर करेगा कि वह अपनी क्षमता का कितना इस्तेमाल कर पाएगी।
आखिरकार ढ़ाई महीने बाद दिल्ली को नया मेयर मिल गया। आम आदमी पार्टी (Aap) उम्मीदवार शैली ओबेरॉय अब दिल्ली की नई मेयर चुनी गई। कहा जाता है कि दिल्ली मेयर की शक्तियां मुख्यमंत्री से कम नहीं होती हैं। यह मेयर की इच्छा शक्ति पर निर्भर करेगा कि वह अपनी क्षमता का कितना इस्तेमाल कर पाएगी। दिल्ली एमसीडी का चुनाव तो पिछले साल 4 दिसंबर को ही हो गया था लेकिन उसके 2 महीने बाद तक भी हंगामे के कारण मेयर का चुनाव नहीं हो सका था। तीन बैठक के बाद भी मेयर चुनाव नहीं हो पा रहा था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा और आखिरकार चौथी बैठक के बाद यह तय हो गया कि मेयर कौन होगा।
दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने कार्यभार संभालने के बाद एमसीडी सदन में कहा कि हम 10 गारंटी पर काम करेंगे जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से चुनाव में वादा किया था। चुनाव के साथ ही यह भी उम्मीद की जाती है कि दिल्ली में मेयर के पास जो शक्तियां हैं उसके आधार पर दिल्ली का सर्वांगीण होनी चाहिए। दिल्ली के लोग यह भी उम्मीद करते हैं कि जिस प्रकार दिल्ली सरकार और एलजी के बीच खींचतान देखने को मिलती है यहां ऐसा नहीं होना चाहिए। यह सर्वविदित है कि मेयर नगर निगम से जुड़े अधिकार के मामले में फैसला लेने को स्वतंत्र होता है।
दिल्ली मेयर के पास कैसी शक्तियां हैं उसको ऐसे समझा जा सकता है। नगर निगम से जुड़ा कोई भी फैसला लेने के लिए मेयर स्वतंत्र है। सबसे खास बात है कि उसकी ओर से लिए गए किसी भी फैसले की फाइल को एलजी या केंद्र के पास भेजने की जरूरत नहीं है। निगम का सदन सर्वोच्च होता है और उसका अपना एक अलग अच्छा खासा बजट होता है। साथ ही इस बजट के पैसे को खर्च करने की स्वतंत्रता होती है। निगम के सदन में कोई प्रस्ताव पास होता है तो उसके बाद वह सीधे लागू हो जाता है। प्रॉपर्टी/हाउस टैक्स, साफ-सफाई, निगम के अधीन आने वाली सड़के, प्राइमरी स्कूल, उसके अधीन आने वाले हॉस्पिटल पर फैसला सीधे लागू होता है। दिल्ली में एलजी, दिल्ली सरकार, एमसीडी, एनडीएमसी... अलग- अलग इकाइयां हैं। इन जगहों पर अलग-अलग लोगों का कंट्रोल है। हालांकि कई बार लोग यह सवाल भी पूछते हैं कि मेयर अधिक शक्तिशाली या दिल्ली के सीएम। देश की राजधानी दिल्ली में मेयर की शक्तियों को देखा जाए तो यह एक अहम पद है। किसी भी कर्मचारी और अधिकारी के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मेयर के पास होता है।
नवनिर्वाचित दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने कहा कि हमें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करना होगा। अगले तीन माह में कूड़े के पहाड़ों (लैंडफिल साइट्स) का निरीक्षण किया जाएगा। मेयर का पद छोटा नहीं है। जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है उस वक्त से निगम में बीजेपी का शासन पिछले चुनाव तक था। ऐसी स्थिति में कई बार दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच टकराव भी देखने को मिला है। खासकर एमसीडी की ओर से बार-बार यह कहा गया कि उसके हिस्से का फंड दिल्ली सरकार रोक कर रखी है तो वहीं दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि फंड का गलत इस्तेमाल एमसीडी की ओर से किया जा रहा है। हालांकि यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार आम आदमी पार्टी का एमसीडी पर कब्जा है तो टकराव अधिक देखने को नहीं मिलेगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि अब दिल्ली की मूलभूत समस्याओं का समाधान होगा। दिल्ली में जगह जगह पड़े कचरे के ढेर से निजात मिलेगी। गंदगी निकलने वाली बदबू से राहत मिलेगी।
दिल्ली के नगर निगम में उप महापौर के चुनाव में आम आदमी पार्टी के आले मोहम्मद इकबाल ने भारतीय जनता पार्टी के कमल बागड़ी को 31 मतों से पराजित किया और नये उप महापौर निर्वाचित हुए। इकबाल को 147 वोट मिले जबकि बागड़ी को 116 मत प्राप्त हुए। इकबाल ने कहा कि वह दिल्ली की जनता के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनकी बेहतरी के लिए काम करेंगे। दिल्ली नगर निगम के महापौर और उप महापौर के निर्वाचन का यह एमसीडी का चौथा प्रयास था। मनोनीत सदस्यों को वोट देने के अधिकार को लेकर हंगामे के बीच पहले तीन बार चुनाव नहीं हो पाये थे। इसके बाद यह मामला उच्चतम न्यायालय में गया । शीर्ष अदालत ने फैसला दिया कि उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में वोट नहीं दे सकते हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के उप महापौर चुने जाने पर आले इकबाल को बहुत बहुत बधाई । इस बीच, दिल्ली के महापौर के चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को ‘लोकतंत्र की जीत’ करार दिया। मान ने इसके साथ ही ‘लोगों के अधिकारों के वास्ते लड़ने के लिए’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा की। मान ने ट्वीट कर कहा, ‘‘लोकतंत्र की जीत... दिल्ली की जनता को बधाई...अरविंद केजरीवाल जी के जनता के हक की लड़ाई के जज्बे को सलाम।’’