उत्तराखंड: जोशीमठ में धंस रही है ज़मीन, सर्द रातों में कई परिवार खुले आसमान के नीचे
कुछ साल पहले केदार घाटी में प्रलयंकारी बाढ़ का मंजर लोग अभी भूले नहीं हैं ,कि एक बार फिर कुदरत कुछ बड़ा संकेत दे रही है।ये मामला चमोली जिले का है जहां जोशीमठ में एक खतरनाक नज़ारा देखने को मिला।असल में हुआ ये कि जब लोग सोकर उठे तो
कुछ साल पहले केदार घाटी में प्रलयंकारी बाढ़ का मंजर लोग अभी भूले नहीं हैं ,कि एक बार फिर कुदरत कुछ बड़ा संकेत दे रही है।ये मामला चमोली जिले का है जहां जोशीमठ में एक खतरनाक नज़ारा देखने को मिला।असल में हुआ ये कि जब लोग सोकर उठे तो उन्होंने देखा कि यहां की जमीन धंस रही है।इसकी वजह से दर्जनों मकानों की दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई।
स्थानीय लोगों में खौफ का माहौल है कि ना जाने कल क्या होगा।उन्हें डर है कि उनके मकान कभी भी गिर सकते हैं।पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां सर्दी बहुत ज्यादा है। लोग डर के मारे घरों में जाना नहीं चाहते।वह किसी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में है। लोगों ने राज्य सरकार से राहत प्रदान करने की अपील की है।
जोशीमठ गढ़वाल रीजन में है और ये काफी ऊंचाई पर है।इसलिए यहां मौसम बेहद सर्द है।ऐसे में घरों में पड़ी दरारें लोगों को डरा रही हैं।मकान भी बहुत पक्के नहीं हैं। हालात खतरनाक हैं।
पिछले साल भी बारिश न होने के बाद भी मकान ज़मीन में समा रहे थे। नगर का करीब 70% हिस्सा इसकी चपेट में है। करीब 574 मकान इससे प्रभावित हुए हैं जिसमें 3,000 लोग निवास करते हैं। हमने सरकार से मांग रखी है और हमारी 1 जनवरी को मुख्यमंत्री से मुलाकात है: म्युनिसिपल अध्यक्ष शैलेन्द्र पवार pic.twitter.com/2LsyziWXKZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 31, 2022
पिछले साल भी ऐसा ही नज़ारा था
जानकारी के मुताबिक इसी तरह का हादसा पिछले साल भी हुआ था. उस समय बारिश न होने के बाद भी जमीन धंसी थी. स्थिति बेहद भयावह थी।मकान धंसने लगे थे।।इस तरह की घटनाओं की चपेट में जोशीमठ नगर का करीब 70 फीसदी हिस्सा है। बताया जा रहा है कि करीब 574 मकान इससे प्रभावित हुए हैं।यहां 3 हजार की आबादी में लोग सिर्फ डर के साए में जी रहे हैं।
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