'इतिहास लिखा नहीं, रचा जाता है... बिहार की चमक के साथ मैथिली ठाकुर और पंकज त्रिपाठी ने की खेलो इंडिया की शानदार शुरुआत'

पाटलिपुत्र में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की शुरुआत धमाकेदार रही. मैथिली ठाकुर की आवाज और पंकज त्रिपाठी की बिहार गाथा ने समां बांध दिया. मंच पर संस्कृति, इतिहास और खेल का रंग जमा, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया. जानिए और क्या खास रहा इस रंगारंग समारोह में!

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Edited By: Aprajita

Khelo India Youth Games 2025: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के उद्घाटन समारोह ने पाटलिपुत्र में एक भव्य और ऐतिहासिक शुरुआत की. इस आयोजन में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विकास की एक झलक देखने को मिली. बिहार के संस्कृति, कला और धरोहर को समर्पित इस उत्सव में मशहूर कलाकारों और कलाकारों की टीम ने ऐसा समां बांधा, जिसने पूरे आयोजन को अभूतपूर्व बना दिया.

बिहार की संस्कृति और कला का अद्भुत संगम

उद्घाटन समारोह में जहां मैथिली ठाकुर ने अपनी मधुर तान से कार्यक्रम में रौनक डाली, वहीं पंकज त्रिपाठी ने बिहार की गौरवपूर्ण गाथा का बखान करते हुए समृद्ध इतिहास को दर्शाया. कार्यक्रम में उपस्थित हजारों दर्शकों और खिलाड़ियों ने गीत-संगीत और नृत्य का अद्भुत संगम देखा. इस मौके पर प्रसिद्ध कलाकार तौफिक कुरैशी, विक्रम घोष और प्रवीण गोखंडी ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खेलों के विकास की ओर बढ़ते कदमों को किया साझा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेज़बानी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल सुविधाओं के निर्माण के साथ-साथ खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की दिशा में लगातार काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बिहार को विशेष आर्थिक मदद और विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार का समर्थन मिल रहा है, जो राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है.

मैथिली ठाकुर और पंकज त्रिपाठी ने किया सांस्कृतिक उद्घाटन

कार्यक्रम की शुरुआत रथ पर सवार तीन कलाकारों निशि कुमारी, माही श्वेता राज और आकाश कुमार द्वारा मशाल लेकर की गई. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मशाल प्रज्वलित की और सजीव आतिशबाजी ने समारोह में चार चांद लगा दिए. मैथिली ठाकुर ने बिहार की संस्कृति का सम्मान करते हुए मां मुंडेश्वरी की पूजा प्रस्तुत की, जबकि पंकज त्रिपाठी ने बिहार के ऐतिहासिक योगदान को मंच पर जीवंत किया.

बिहार के महापर्वों का दर्शन

पंकज त्रिपाठी ने अपने भाषण में बिहार की प्रसिद्ध महापुरुषों और संतों का जिक्र किया और साथ ही राज्य की कला, संगीत, और महापर्वों का भी बखान किया. इस दौरान झिझिया, सामा चकेबा और छठ महापर्व के दृश्य मंच पर जीवित हुए. पंकज त्रिपाठी ने मंच से कहा, 'बिहार में इतिहास सिर्फ लिखा नहीं जाता, इसे रचा जाता है.' साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रम में शारदा सिन्हा के गाने और छठ महापर्व की संगीतमय प्रस्तुति ने दर्शकों में भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत एहसास कराया.

मुख्यमंत्री ने खेलों के विकास पर जोर दिया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी स्पीच में खेलों की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार लगातार खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया करा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मदद से बिहार में खेलों का विकास तेजी से हो रहा है और खिलाड़ियों को सरकार की तरफ से नौकरी भी दी जा रही है.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स का यह उद्घाटन समारोह न सिर्फ बिहार की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है बल्कि यह राज्य के विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है. खेलों और सांस्कृतिक धरोहरों के मिलाजुला स्वरूप ने इस आयोजन को यादगार बना दिया.

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05 May 2025, 01:50 PM IST

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