Twitter: सरकारों द्वारा यूजर की जानकारी की मांग बढ़ी, ट्विटर ने किया यह खुलासा

ट्विटर ने गुरूवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि दुनियाभर की सरकारें, कंपनी से यूजर के अकाउंट्स से सामग्री हटाने या उनके निजी विवरणों की जासूसी करने के लिए कह रही हैं।

Janbhawana Times
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ट्विटर ने गुरूवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि दुनियाभर की सरकारें, कंपनी से यूजर के अकाउंट्स से सामग्री हटाने या उनके निजी विवरणों की जासूसी करने के लिए कह रही हैं। ट्विटर ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि उसने पिछले साल छह महीने की अवधि के दौरान स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सरकारों की रिकॉर्ड 60000 कानूनी मांगों पर कार्रवाई की।

सोशल मीडिया कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सरकारें चाहती थीं कि ट्विटर अकाउंट से या तो सामग्री हटाई जाए या कंपनी यूजर की गोपनीय जानकारी संदेश या यूजर के स्थान का खुलासा करें। ट्विटर की सुरक्षा और अखंडता मामलों के प्रमुख योएल रोथ ने गुरूवार को साइट पर प्रसारित बातचीत में कहा, हम देख रहे हैं कि सरकारें हमारी सेवा का उपयोग करने वाले लोगों को बेनकाब करने के लिए कानूनी रणनीति का उपयोग करने, यूजर के अकाउंट के बारे में जानकारी एकत्र करने और लोगों को चुप कराने के तरीके के रूप में अधिक आक्रामक हो जाती हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से इसके सबसे अधिक 20 प्रतिशत अनुरोध आए, जिसमें अकाउंट की जानकारी, उसकी सूचना मांगी गई थी, जबकि भारत इस मामले में काफी पीछे है। ट्विटर का कहना है कि उसने मांगी गई सूचना के हिसाब से लगभग 40 प्रतिशत यूजर के अकाउंट की जानकारी साझा की। इस मामले में जापान की ओर से अकाउंट की जानकारी पाने का अनुरोध लगातार किया जाता है और वह अकाउंट से सामग्री हटाने के लिए ट्विटर से सबसे अधिक अनुरोध करता है। सामग्री को हटाने के लिए जापान ने सभी अनुरोधों का आधा 23000 से अधिक अनुरोध किए।

वहीं फेसबुक और इंस्टाग्राम की कंपनी मेटा ने भी इसी समय सीमा के दौरान सरकार द्वारा निजी यूजर डेटा की मांग में वृद्धि की सूचना दी। वहीं सरकारों ने पिछले साल जुलाई और दिसंबर के बीच दुनिया भर में सत्यापित पत्रकारों या समाचार आउटलेट्स की जानकारी पाने के लिए 349 अकाउंट के खिलाफ कानून का सहारा लिया था। जो 103 प्रतिशत अधिक है।

ट्विटर ने इस बात का विवरण नहीं दिया कि किन देशों ने पत्रकारों के अकाउंट के लिए अनुरोध किया। कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट के कार्यकारी निदेशक रॉब महोनी ने एसोसिएटेड प्रेस को एक ईमेल में दिए बयान में कहा कि सरकारें आलोचकों और पत्रकारों को चुप कराने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का इस्तेमाल कर रही है।

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29 July 2022, 04:33 PM IST

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