रामलला की मूर्ति के लिए Nepal से अयोध्या पहुंची दिव्य शालिग्राम, राम नगरी में हुआ भव्य अभिनंदन

रामलला की मूर्ति के लिए Nepal से अयोध्या पहुंची दिव्य शालिग्राम, राम नगरी में हुआ भव्य अभिनंदन

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

नेपाल के जनकपुर से चलकर शालिग्राम शिला रामनगरी अयोध्या पहुंच गई है. भगवान विष्णु का स्वरूप मानी जाने वाली शालिग्राम शिला का राम नगरी में पूजा की गई. हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के पुल पर फूल बरसाकर और नगाड़े बजाकर शालिग्राम का भव्य स्वागत किया. जय श्री राम के जयकारे लगाए गए. 

373 किलोमीटर और 7 दिन के सफर तय करने के बाद दो विशाल शालिग्राम शिलाएं देर रात अयोध्या पहुंची. शालिग्राम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ पड़ा. पुष्प वर्षा, आतिशबाजी और श्री राम के जयकारे से रामनगरी में शालिग्राम अयोध्या पहुंचे. सुबह नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री और जानकी मंदिर के महंत ने वैदिक रीति रिवाज से पूजन के बाद शालिग्राम शिला श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया. 

रामलला की भव्य मूर्ति शालिग्राम के पत्थर से तैयार की जाएगी. हिंदू धर्म में शिवलिंग को भगवान शंकर का रुप माना गया है. तो वहीं शालिग्राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. शालीग्राम, भगवान विष्णु का पवित्र नाम है. हिंदू धर्म में शालीग्राम को सालग्राम के रुप में भी जाना जाता है. शालिग्राम और शिवलिंग को भगवान का विग्रह रुप माना जाता है. पुराणों के अनुसार, भगवान के इस विग्रह रुप की ही पूजा होनी चाहिए. भगवान शिव के शिवलिंग रुप से अलग शालिग्राम का पूरी दुनिया में एक ही मंदिर है. नेपाल मुक्तिनाथ मौजूद है शालिग्राम का एकमात्र मंदिर. 

नेपाल की पवित्र काली गंडकी नदी से 6 करोड़ पुराने पत्थर निकाले गए हैं. वहां अभिषेक और विधि-विधान से पूजा के बाद शिला को 26 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना किया गया था. ये शिलाएं बिहार से होते हुए UP में कुशीनगर और गोरखपुर के रास्ते बुधवार रात अयोध्या पहुंची हैं. एक शिला का वजन 26 टन है, वहीं दूसरी शिला का वजन 14 टन है.

भगवान राम के मंदिर का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है. मकर संक्रांति 2024 में सूर्य के उत्तरायण होते ही श्री रामलला अपने मूल गर्भ गृह में विराजमान होने के बाद भक्त दर्शन कर पाएंगे.

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