वैक्सीन के नाम पर यह डॉक्टर लोगों को लगाता था 'पानी', जानिए कैसे खुली पोल

कोरोना वायरस ने पिछले दो सालों में दुनियाभर में खूब तबाही मचाई। इसके बाद जब इस वायरस से निज़ात पाने के लिए वैक्सीन बनाई गई, तब लोगों को कुछ हद तक राहत मिली। लोकिन इस बीच ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें लोग कोरोना की वैक्सीन के साथ खिलवाड़ करते नजर आए। हाल ही में सिंगापुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं जहां डॉक्टर लोगों को कोरोना वैक्सीन की बजाय कुछ और लगाता हुआ पकड़ा गया।

Janbhawana Times
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कोरोना वायरस ने पिछले दो सालों में दुनियाभर में खूब तबाही मचाई। इसके बाद जब इस वायरस से निज़ात पाने के लिए वैक्सीन बनाई गई, तब लोगों को कुछ हद तक राहत मिली। लोकिन इस बीच ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें लोग कोरोना की वैक्सीन के साथ खिलवाड़ करते नजर आए। हाल ही में सिंगापुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं जहां डॉक्टर लोगों को कोरोना वैक्सीन की बजाय कुछ और लगाता हुआ पकड़ा गया।

बता दें कि ये पूरी घटना सिंगापुर के एक शहर की है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंगापुर मेडिकल काउंसिल ने जब इस डॉक्टर को रंगे हाथ पकड़ा तो उसने खुद अपना जुर्म कबूल किया और उसने बताया कि वह लोगों को वैक्सीन की बजाय सलाइन सॉल्यूशन का इंजेक्शन लगाता था। आश्चर्य की बात यह है कि कोरोना के भीषण दौर में भी वह डॉक्टर ऐसा ही करता था। इसका मतलब यह हुआ कि उसने जितने भी लोगों का वैक्सीनेशन किया, वे वैक्सीन की डोज नहीं बल्कि एक प्रकार से पानी की डोज ले रहे थे।

इतना ही नहीं मिली जानकारी के अनुसार यह डॉक्टर उन लोगों को कोरोना का फेक सर्टिफिकेट भी दिया करता था। बता दें कि इस डॉक्टर का नाम जिप्सन क्‍वाह है। साथ ही डॉक्टर को सिंगापुर मेडिकल काउंसिल ने फिलहाल सस्‍पेंड कर दिया है। काउंसिल ने बताया कि लोगों की सुरक्षा के लिए जिप्सन क्‍वाह को निलंबित करना जरूरी था। सिंगापुर के डॉक्टर की इस हरकत की वजह से काफी लोग कोरोना की वैक्सीन से वंचित रह गए लेकिन अभी तक ये बात साफ नही हैं कि इस डॉक्टर ने आखिर ऐसा क्यों किया ।फिलहाल वहां उन लोगों की तलाश जारी हैं जिन लोगों के पास कोविड का फेक सर्टिफिकेट हैं।

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29 March 2022, 05:41 PM IST

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