India-Israel: भारत और इजरायल के बीच जल्द हो सकता है मुक्त व्यापार समझौता
भारत-इजरायल के बीच जल्द ही मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) हो सकता है। बुधवार को भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसका संकेत दिया है। भारत और इजरायल के द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में यह अहम कदम होगा। भारत और इजरायल के बीच अधिकारिक रूप से 30 साल पूरे होने के अवसर पर नाओर गिलोन ने पत्रकारों से बातचीत की।
भारत-इजरायल के बीच जल्द ही मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) हो सकता है। बुधवार को भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसका संकेत दिया है। भारत और इजरायल के द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में यह अहम कदम होगा। भारत और इजरायल के बीच अधिकारिक रूप से 30 साल पूरे होने के अवसर पर नाओर गिलोन ने पत्रकारों से बातचीत की।
इजरायली राजदूत ने कहा कि दोनों देश एफ़टीए को अंतिम रूप देने के लिए सहमत है और आने वाले उच्चस्तरीय दौरों में इस पर समझौता हो सकता है। माना जा रहा है कि इजरायल के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री जल्द ही भारत का दौरा कर सकते है। बता दें कि भारत और इजरायल के बीच साल 2010 में एफटीए को लेकर बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई खास फैसला नहीं हो पाया है।
भारत के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सितंबर 2022 में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान कहा था कि जब तक भारत को इजरायल से अच्छा सौदा नहीं मिलेगा एफटीए पर समझौता नहीं होगा। पीयूष गोयल ने कहा था कि दोनों देशों को समझौते से फायदा होना चाहिए और इजरायल को भारत के लिए सर्विस सेक्टर खोलना होगा। वहीं मेक इन इंडिया भी इसका हिस्सा है। बता दें कि मेक इन इंडिया के तहत विदेश की कंपनियों को भारत में ही अपना सामान बनाना होता है।
साल 1992 में भारत ने जब इजरायल से अधिकारिक और राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। उस समय दोनों देशों के बीच लगभग 20 करोड़ डॉलर का कारोबार होता था। जो अब बढ़कर आठ अरब डॉलर का हो गया है। वहीं रूस के बाद इजरायल भारत के लिए हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर है। वहीं भारत इसराइल के हथियारों और रक्षा उपकरण का सबसे बड़ा खरीदार है। साल 1993 से 2018 के बीच भारत का जिन देशों से एफटीए समझौता है उनसे सालाना व्यापार में 13.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि तीस साल पहले भारत और इजरायल के बीच रक्षा सौदे के समझौतों से द्विपक्षीय रिश्तों की शुरूआत हुई थी। लेकिन आज रक्षा उपकरणों के अलावा कृषि, ऊर्जा, दूरसंचार और अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ रहा है।