चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 30% बढ़कर 8.36 लाख करोड़ रुपये हुआ
अग्रिम कर संग्रह बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में 17 सितंबर तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 30 प्रतिशत बढ़कर 8.36 लाख करोड़ रुपये हो गया।
अग्रिम कर संग्रह बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में 17 सितंबर तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 30 प्रतिशत बढ़कर 8.36 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह अभी तक (रिफंड के लिए समायोजन से पहले) 8,36,225 करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के संग्रह 6,42,287 करोड़ रुपये की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।'
अप्रैल-सितंबर के लिए संचयी अग्रिम कर संग्रह 17 सितंबर को 2,95,308 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। बयान में कहा गया कि 8.36 लाख करोड़ रुपये के सकल संग्रह में 4.36 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट आयकर से और 3.98 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) से आए। पीआईटी में प्रतिभूति लेनदेन कर शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, 'प्रत्यक्ष कर संग्रह मजबूत गति से बढ़ रहा है। यह महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार का एक स्पष्ट संकेत है।
यह सरकार की स्थिर नीतियों का परिणाम भी है, जहां प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया और प्रौद्योगिकी के जरिये कर ह्रास को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया गया।' रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध संग्रह 23 प्रतिशत बढ़कर 7,00,669 करोड़ रुपये हो गया। मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान दाखिल आयकर रिटर्न के प्रसंस्करण की गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सही तरह से सत्यापित लगभग 93 प्रतिशत आईटीआर को 17 सितंबर तक प्रसंस्करित किया जा चुका है।