IPO मार्केट में छोटे दिग्गजों का धमाल! लेकिन ये आंकड़ा दे रहा है बड़ा खतरे का संकेत!
इस साल छोटे-मध्यम कंपनियों ने IPO के जरिए रिकॉर्ड में 10,965 करोड़ रुपये जुटाए. यानी अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा, लगभग 257 कंपनियों ने बाजार में धमाल मचाया और निवेशकों के बीच जबरदस्त खुशी भी देखा गया.

नई दिल्ली: देश में छोटे और मध्यम उद्योगों में निवेश का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. 2025 में इस क्षेत्र के आईपीओ ने नया रिकॉर्ड बनाया है और निवेशकों की भागीदारी में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है. हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि बिना पूरी जांच-पड़ताल के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि मुनाफे की उम्मीद में निवेशकों का लालच बढ़ रहा है, लेकिन इस चमक-धमक के पीछे कई वित्तीय और नियामक खतरे भी छिपे हैं. इसलिए निवेशकों को सावधानी और सूझबूझ से कदम उठाना जरूरी है.
SME IPO ने तोड़ा रिकॉर्ड
2025 छोटे उद्योगों के लिए निवेश के लिहाज से शानदार साबित हुआ. प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 257 SME कंपनियों ने बाजार से लगभग 10,965 करोड़ रुपये जुटाए. यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. निवेशकों का भरोसा इतना बढ़ा कि जहां 2020 में एक IPO पर औसतन 297 आवेदन आते थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 1.8 लाख हो गई.
चमक के पीछे छिपा जोखिम
मुनाफे की लालसा में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए 2025 का आंकड़ा डराने वाला है. इस साल लिस्ट हुई 250 कंपनियों में से 129 कंपनियां अपने इश्यू प्राइस से नीचे चल रही हैं. यानी आधे से ज्यादा निवेशकों को फिलहाल नुकसान हो रहा है. ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने के कारण शेयरों के दाम में छेड़छाड़ का खतरा भी बना रहता है.
नियमों में ढील और कमजोर ट्रैक रिकॉर्ड
SME कंपनियों के लिए नियम मुख्य बोर्ड की कंपनियों के मुकाबले आसान होते हैं. बड़ी कंपनियों को हर तीन महीने में वित्तीय नतीजे पेश करने पड़ते हैं, जबकि SME कंपनियों को साल में केवल दो बार ऐसा करना होता है. इसके अलावा इनका बिजनेस छोटा होता है और संसाधनों की कमी के कारण नियमों का पालन कठिन होता है.
SEBI की चेतावनी
बाजार नियामक SEBI के अध्यक्ष तुहिन पांडे ने बढ़ते जोखिम पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि कैपिटल गेन के रूप में मिलने वाला रिटर्न आकर्षक लग सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि वह हकीकत में वैसा ही हो. SEBI ने यह भी चेताया कि कुछ कंपनियां और प्रमोटर्स अपने कारोबार की गलत तस्वीर पेश कर निवेशकों को गुमराह कर रहे हैं.
निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि किसी भी SME IPO में निवेश करने से पहले कंपनी के कर्ज और मुनाफे की ग्रोथ को जरूर जांचें. यह देखें कि IPO से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल किस दिशा में होगा. अगर कंपनी इसे बिजनेस विस्तार या क्षमता बढ़ाने में लगा रही है, तो यह सकारात्मक संकेत है.
SME IPO चुनने के 3 महत्वपूर्ण पैमानें
पैसा कहां खर्च होगा: यदि कंपनी IPO पैसे का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के बजाय बिजनेस बढ़ाने या नई मशीनें खरीदने में कर रही है, तो यह पॉजिटिव संकेत है.
कर्ज और इक्विटी का अनुपात: कंपनी पर कमाई के मुकाबले अधिक कर्ज नहीं होना चाहिए. कम कर्ज वाली कंपनियां आर्थिक उतार-चढ़ाव को बेहतर तरीके से झेलती हैं.
मुनाफे की निरंतरता: पिछले 2-3 सालों के रेवेन्यू और प्रॉफिट रिकॉर्ड देखें. क्या कंपनी की कमाई लगातार बढ़ रही है या इसमें उतार-चढ़ाव अधिक है?
SEBI की विशेष सलाह
SEBI ने साफ किया कि कई बार प्रमोटर्स अवास्तविक आंकड़े पेश करते हैं. SME कंपनियों का संचालन छोटे स्तर पर होता है और पारदर्शिता मुख्य बोर्ड की कंपनियों जैसी नहीं होती. निवेशकों को केवल 'ग्रे मार्केट प्रीमियम' (GMP) के भरोसे निवेश करने से बचना चाहिए.


