उतार-चढ़ाव के दौर में छोटे निवेशक बंद कर रहे SIP, नए डीमैट अकाउंट की संख्या में आई गिरावट
हाल ही में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है. बाजार में गिरावट से खुदरा निवेशक सतर्क हो गए हैं. फरवरी में एसआईपी बंद करने वालों की संख्या उन लोगों से अधिक हो गई है, जिन्होंने नई एसआईपी शुरू की. इसका संकेत है कि निवेशक बाजार में और पैसे निवेश करने से बच रहे हैं. एसआईपी बंद करने का अनुपात 1.23 तक पहुंच गया है

हाल के वर्षों में शेयर बाजार में अच्छा लाभ कमाने वाले खुदरा निवेशक अब चिंता में हैं. ऐसा लगता है कि बाजार का बुलबुला फूटने लगा है, जिससे बाजार में गिरावट और उतार-चढ़ाव के कारण कई निवेशक अपने निवेश को वापस ले रहे हैं. इस कारण फरवरी महीने में बड़ी संख्या में एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) को बंद किया गया है. इसके अलावा, नए डीमैट अकाउंट खोलने की संख्या में भी कमी आई है.
एसआईपी बंद करने वालों की संख्या बढ़ी
फरवरी 2025 में, एसआईपी बंद करने वालों की संख्या उन लोगों से अधिक हो गई है, जिन्होंने नई एसआईपी शुरू की. इसका संकेत है कि निवेशक बाजार में और पैसे निवेश करने से बच रहे हैं. एसआईपी बंद करने का अनुपात 1.23 तक पहुंच गया है, जो पिछले 11 महीनों में सबसे ज्यादा है. इस दौरान, इक्विटी योजनाओं से निकासी का अनुपात भी जनवरी की तुलना में थोड़ा बढ़ा है.
इस महीने में सिर्फ 23 लाख नए डीमैट अकाउंट खुले, जो पिछले 21 महीनों का सबसे कम आंकड़ा है. जुलाई 2024 में इस आंकड़े ने 46 लाख का उच्चतम स्तर छुआ था, जबकि जनवरी 2025 में यह आंकड़ा 28 लाख था. बाजार के हालिया उतार-चढ़ाव ने निवेशकों के विश्वास को कमजोर किया है, जिससे नए डीमैट अकाउंट खुलने की रफ्तार धीमी हो गई है. यह दर्शाता है कि नए निवेशक भी बाजार में कम रुचि दिखा रहे हैं.
आंकड़े बताते हैं कि बाजार में गिरावट से खुदरा निवेशक सतर्क हो गए हैं. फरवरी में, उन्होंने इक्विटी शेयरों में 27% कम निवेश किया और मार्च में वे अधिक शेयर बेचने लगे. इस गिरावट के कारण, जनवरी से उनका कुल निवेश 13% घट गया और मार्च में इसमें 5000 करोड़ रुपये तक की कमी आई.
खुदरा निवेशक सतर्क
विशेषज्ञों का मानना है कि खुदरा निवेशक फिलहाल सतर्क हैं क्योंकि बाजार अस्थिर है और सुधार के संकेत मिल रहे हैं. एसआईपी और डीमैट अकाउंट के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि निवेशक अब जोखिम लेने से बच रहे हैं और बाजार की स्थिति स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं. फरवरी में भारी बिकवाली के कारण बाजार की वैल्यू में 40 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई, जिससे निफ्टी में तीन दशकों में सबसे लंबी मासिक गिरावट देखी गई.