भारत-पाकिस्तान सीजफायर का शेयर बाजार पर क्या असर होगा, आएगी तेजी या फिर लगेगा झटका?
भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई, लेकिन सीजफायर की घोषणा के बाद बाजार में सकारात्मक रुझान की संभावना जताई जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में बाजार में उछाल देखने को मिल सकता है.

भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव ने निवेशकों के विश्वास को हिला दिया, जिससे प्रमुख सूचकांकों में गिरावट आई. ये गिरावट उस वक्त आई जब सीमा पर तनाव बढ़ा और दोनों देशों के बीच संघर्ष ने बाजार को प्रभावित किया. इस हफ्ते घरेलू प्रमुख सूचकांक, जैसे सेंसेक्स और निफ्टी 50 में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया. भारत द्वारा पाकिस्तान और PoK (पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर) में आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद ये संकट और बढ़ गया.
सीमा पर बढ़ते तनाव ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया
गुरुवार को भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमलों की पुष्टि की, जिससे बाजार में और गिरावट आई. इन घटनाओं के बाद, निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई और ये उम्मीद की जाने लगी कि स्थिति और बिगड़ सकती है. वैभव पोर्वल, को-फाउंडर, डेजर्व ने कहा कि भारतीय बाजारों ने सालों से ऐसी परिस्थितियों का सामना किया है और उन्होंने लचीलापन दिखाया है. निवेशकों को बाजार के व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए. भारतीय शेयर बाजार मजबूत बुनियादी तत्वों पर आधारित हैं और हमें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है.
आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीतिक जीत से बाजार को उम्मीद
हालांकि, मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कमी के बाद भारतीय बाजारों में सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है. भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल सीजफायर की घोषणा को आतंकवाद के खिलाफ भारत की एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है.
प्रशांत तापसी, एवीपी - रिसर्च, मेहता इक्विटीज ने कहा कि इतिहास में, जब भी ऐसे संघर्षों के बाद तनाव में कमी आई है, बाजार ने उबरने की प्रवृत्ति दिखाई है. अगर ये स्थिरता अगले 24–48 घंटों में बनी रहती है और दोनों देशों से कोई और प्रतिशोधात्मक कार्रवाई नहीं होती है, तो बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है
सोमवार को 200-300 अंकों की उछाल की उम्मीद
प्रशांत तापसी ने आगे कहा कि सोमवार को प्रमुख सूचकांकों में 200–300 अंकों की उछाल देखने की उम्मीद है, क्योंकि निवेशकों का विश्वास वापस लौटेगा. हालांकि, अभी भी उच्च अस्थिरता की संभावना बनी हुई है, जो कि चल रहे एर्निंग सीजन और वैश्विक अनिश्चितताओं से जुड़ी हो सकती है, खासकर टैरिफ से संबंधित घटनाओं के कारण. निफ्टी 24000 के ऊपर बना हुआ है, तकनीकी दृष्टिकोण से, अब 23500 का स्तर महत्वपूर्ण सपोर्ट बन गया है. इसके नीचे और बिकवाली देखी जा सकती है, जबकि प्रतिरोध 24275/24401 पर होगा
रक्षा और बैंकिंग सेक्टर में फिर से निवेश की उम्मीद
जैसे ही तत्काल भौगोलिक संकट कम होता है, रक्षा और बैंकिंग सेक्टर में फिर से खरीदारी का रुझान देखने को मिल सकता है. वहीं, व्यापक सूचकांकों में भी हाल के नुकसान की भरपाई की संभावना है, जो बेहतर निवेश भावना के साथ हो सकती है. तापसी ने कहा कि सभी की निगाहें FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) पर होंगी, जिन्होंने शुक्रवार को नकारात्मक रुख अपनाया, जबकि पिछले दो हफ्तों में वे लगातार खरीदार रहे थे.


