Explainer: आने वाले किसी बड़े ख़तरे की चेतावनी है चांद के चारों तरफ बन रहा गोला, जानिए क्यों होता है ऐसा?

Moon Halo: आप लोगों ने कभी ना कभी चांद के चारों तरफ़ एक बड़ा सा घेरा देखा होगा. चांद के चारों तरफ बनने वाले इस घेरे का व्यास हमेशा 22 डिग्री रहता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये क्यों बनता है?

Shabnaz Khanam
Shabnaz Khanam

Moon Halo: आसमान में चांद को देखना ज़्यादातर लोगों को पसंद होता है. चांद के हर समय पर एक जैसा नहीं होता है, इसके कई रूप होते हैं. कभी यही चांद आसमान में आधा होता है, कभी पूरा कभी पूरा होता है लेकिन बादलों के साथ लुका छिपी करता है. लेकिन कभी कभी चांद के चारों तरफ एक घेरा दिखाई देता है, लेकिन इस घेरे के दिखने का क्या कारण होता है? पिछले दिनों में दिल्ली में भी चांद का ये नज़ारा देखा गया था. जिसको मून हैलो का नाम दिया गया है. 

क्या होता है मून हैलो?

विज्ञान में बहुत से ऐसे रहस्य छुपे हैं जो दुनिया को हैरान कर देते हैं. कुदरत कभी कभी ऐसे नज़ारे दिखाती है जिससे इंसान अचंभित होकर रह जाता है. फिर जंग शुरू होती है उसकी खोज करने की. हालही में चांद के चारों तरफ एक घेरा दिखाई दिया है. जब चांद के चारों तरफ ऐसा घेरा बनता है तो उसको मून हैलो कहा जाता है. 

ईश्वर का चमत्कार मानते हैं लोग 

दिलचस्प बात यह है कि चंद्र प्रभामंडल विभिन्न संस्कृतियों और लोककथाओं में विभिन्न अर्थों या व्याख्याओं से जुड़े हैं. कुछ लोग इन्हें मौसम में बदलाव के संकेत के रूप मानते हैं, जबकि अन्य इन्हें रहस्यमय या प्रतीकात्मक घटना के रूप में देखते हैं. 

Moon Halo
Moon Halo

दूसरी तरफ लूनार रिंग को लेकर विभिन्न संस्कृतियों के लिए अलग-अलग मायने होते हैं. कुछ लोग इसे मौसम में परिवर्तन का एक हिस्सा मानते हैं, जबकि कुछ इसको जादुई घटना मानते हैं. मून रिंग कई दिनों तक रह सकता है, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इसका रंग बताता है कि आगे क्या होने वाला है. जैसे चांद के चारों ओर नजर आ रहा घेरा सफेद है तो ये बारिश की तरफ इशारा है. वहीं अगर लाल रंग है तो डर का मोहौल बनेगा. इसके साथ ही इसका रममग अगर नीला है तो इसको शुभ माना जाता है. 

मून हैलो के बनने का क्या है कारण?

कुदरत ने आसमान में बहुत सी ऐसी चीजे बनाई हैं, जो दिखती नहीं हैं, लेकिन ये कभी कभी अस्तित्व में आती हैं तो अलग ही नजारे देखने को मिलते हैं. मून हैलो भी इसी का एक पार्ट है. दरअसल, आसमान में आइस क्रिस्टल मौजूद होते हैं जो कई बार चांद की रौशनी से टकराते हैं. इस टकराव के बाद एक अलग सी रौशनी निकलती है, यही रौशनी चांद के चारों तरफ एक घेरा बना लेती है. 

कभी छोटा तो कभी बड़ा क्यों दिखता है मून हैलो?

आमतौर पर देखने से पता चलता है कि ये कभी छोटे साइज को होते हैं तो कभी ये बहुत बड़े आकार के दिखाई देते हैं. दरअसल, ये गोला चांद की दूरी पर भी निर्भर करता है. जब चांद आसमान में दूर दिखाई देता है तब इस गोले का आकार छोटा दिखाई देगा. वहीं, जब इसकी दूरा कम होगी तब इसका गोला बिल्कुल पास और बड़ा दिखाई देगा. इसका आकार एक अंडे की तरह होता है. 

Moon Halo
Moon Halo

वैज्ञानिकों का क्या है कहना?

इस तरह के दृश्य रात के वक्त दिखाई देते हैं जो प्रकृति की प्राकृतिक सुंदरता को उजागर करते हैं. जहां एक तरफ लोग इसको चमत्कारी घटना मानते हैं, वहीं, वैज्ञानिक भी इसको एक चमत्कार ही मानते हैं. वैज्ञानिक भाषा में इसको 22-डिग्री हैलो कहा जाता है. अर्थ स्काई के अनुसार, चांद के चारों ओर जो गोला बनता है उसका व्यास हमेशा 22 डिग्री ही रहता है, जिस वजह से उसको 22-डिग्री हैलो कहा गया है. 

कब दिखाई देते हैं ये नज़ारे?

पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर में ये नज़ारा देखने को मिला. इसका भी एक समय होता है, विज्ञान के मुताबिक, इस तरह की घटनाएं ज़्यादातर सितंबर-अक्टूबर और फरवरी-मार्च महीने में होती हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये घटनाएं बहुत ही आम होती हैं इनसे डरने की ज़रूरत नहीं है. आपको बता दें कि इस तरह का गोला सिर्फ चांद के चारो सऔर और ही नहीं बल्कि सूरज के चारो तरफ भी बनता है. इसको सोलर हैलो का नाम दिया गया है. 

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30 November 2023, 11:57 AM IST

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