इन तीन लक्षणों का मतलब मुश्किल में है आपका लिवर, तुरंत हो जाएं अलर्ट वरना बढ़ सकती है दिक्कत
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, लिवर प्रतिदिन 250 गैलन तक रक्त को फिल्टर करता है, ऐसे में अगर यह अंग ठीक तरीके से काम करना बंद कर दे तो शरीर में विषाक्त पदार्थ बढ़ सकते हैं।
शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में लिवर की विशेष भूमिका होती है। शरीर में रसायनों के स्तर को नियंत्रित रखने के साथ पित्त का उत्पादन भी लिवर से ही होता है। लिवर भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण के साथ अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने में भी मदद करती है। स्वाभाविक तौर से फैट का स्टोर और उसके मेटाबोलाइजेशन का काम भी लिवर ही करता है, ऐसे में कुछ स्थितियों में लिवर में फैट बढ़ने की समस्या हो सकती है। मसलन, लिवर शरीर के लिए अति महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, ऐसे में इस अंग में होने वाली किसी भी तरह की दिक्कत का असर पूरे शरीर की सेहत को प्रभावित कर सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, लिवर प्रतिदिन 250 गैलन तक रक्त को फिल्टर करता है, ऐसे में अगर यह अंग ठीक तरीके से काम करना बंद कर दे तो शरीर में विषाक्त पदार्थ बढ़ सकते हैं। लिवर में आने वाली समस्याओं के कारण पाचन स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है जिसके कारण अपच, कब्ज और गंभीर स्थितियों में लिवर फेलियर की समस्या भी हो सकती है। यही कारण है कि इस अंग को स्वस्थ रखने के लगातार प्रयास करते रहने चाहिए। ज्यादातर मामलों में लिवर डैमेज की समस्या अनुवांशिक होती है, हालाँकि आहार और जीवनशैली की गड़बड़ी का भी इसपर असर देखा जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि शरीर में किन लक्षणों के आधार पर लिवर की समस्याओं के बारे में पता लगाया जा सकता है?
पेट में लगातार बना रहने वाला दर्द
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, लिवर की खराबी वाले ज्यादातर मरीजों में लगातार पेट दर्द की शिकायत देखी जाती है। वैसे तो पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं, हालांकि पेट के दाहिने हिस्से में पसलियों के ठीक नीचे लगातार दर्द बने रहने की समस्या को लिवर की गंभीर बीमारियों, विशेषकर लिवर डैमेज का संकेत माना जाता है। आमतौर पर सिरोसिस के कारण लिवर के बढ़ने या लिवर में सूजन होने के कारण भी लोगों को इस तरह के दर्द का अनुभव हो सकता है।
त्वचा में पीलापन
त्वचा में पीलापन या पीलिया की समस्या मुख्यरूप से लिवर के ठीक से काम न करने का संकेत मानी जाती है। रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाने के कारण इस तरह की दिक्कत होती है। बिलीरुबिन, लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं नष्ट हो जाती है तो लिवर इसे रक्तप्रवाह से फिल्टर कर देता है। लिवर में कुछ समस्याओं के चलते अगर रक्त सही से फिल्टर नहीं हो पाता है तो बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण त्वचा, आंखों का रंग पीला हो सकता है।
अचानक से वजन कम होने की समस्या
कई बीमारियों के कारण लिवर पर गंभीर असर हो सकता है, जिसके परिणाम स्वरूप आपका वजन तेजी से घटने लगता है। लिवर पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए जब शरीर के इस अंग को नुकसान होता है तो भूख कम लगने लगती है, इस कारण भी शरीर का वजन कम हो सकता है। लिवर की बीमारियों के किसी भी संकेत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।