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'सिंधु जल समझौता तब तक स्थगित रहेगा, जब तक पाकिस्तान...', PAK की अपील पर क्या बोले एस जयशंकर

भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है कि जब तक वह सीमापार आतंकवाद को स्थायी रूप से नहीं रोकता, संधि पर आगे बढ़ना संभव नहीं है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर चर्चा केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर हो सकती है. भारत की बदली कूटनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने की नीति इस निर्णय के पीछे की मुख्य वजह है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत ने पाकिस्तान के प्रति अपना रुख और सख्त करते हुए सिंधु जल संधि को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय तरीके से समाप्त नहीं करता, तब तक यह संधि आगे नहीं बढ़ेगी.

सीमा पार आतंकवाद पर रोक पहली शर्त

विदेश मंत्री ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं करता." उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अब प्रतीक्षा और सहनशीलता के पुराने रवैये से आगे बढ़ चुका है, और अब कूटनीतिक निर्णय राष्ट्रीय हितों के आधार पर लिए जा रहे हैं.

केवल पीओके पर होगी बात

जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख को भी खारिज करते हुए कहा कि अगर कोई वार्ता हो सकती है तो वह केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर हो सकती है. उन्होंने कहा, "कश्मीर पर बातचीत केवल उस भारतीय क्षेत्र के संबंध में हो सकती है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है. हम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं."

सिंधु जल संधि क्या है?

सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की देखरेख में हुई थी. इस संधि के तहत भारत ने पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलुज) का उपयोग करना जारी रखा, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब, झेलम) पर प्राथमिक अधिकार मिला. यह संधि अब तक कई युद्धों और संघर्षों के बावजूद लागू रही है, लेकिन अब भारत ने इसे एक कड़े राजनीतिक संकेत के रूप में निलंबित करने का निर्णय लिया है.

भारत का यह कदम उसकी बदलती विदेश नीति को दर्शाता है जिसमें सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट नीति और आंतरिक संप्रभुता की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है. सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलों, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में, को लेकर भारत लगातार पाकिस्तान को चेतावनी देता रहा है.

भारत का सख्त रुख

एस जयशंकर के इस बयान के माध्यम से भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी संदेश दिया है कि अब भारत आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे पर किसी प्रकार की ढील देने के पक्ष में नहीं है. यह निर्णय न केवल राजनीतिक बल्कि कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने का एक सशक्त कदम माना जा रहा है.

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15 May 2025, 04:41 PM IST

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