'मोदी दीवार की तरह खड़े हैं, किसानों के मुद्दों पर नहीं होगा कोई समझौता', पीएम के इस जवाब से ट्रंप को लग सकती है मिर्ची
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से संबोधन में कहा कि सरकार किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगी. उन्होंने अमेरिका संग व्यापारिक गतिरोध पर किसानों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी. मोदी ने तकनीकी आत्मनिर्भरता के लिए सेमीकंडक्टर निर्माण, सौर, हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा में निवेश की घोषणा की और 2047 तक परमाणु क्षमता दस गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले से 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार किसानों के हितों से किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि आज देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में जो मुकाम हासिल कर पाया है, उसमें सबसे बड़ा योगदान किसानों का है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद देश में हर नागरिक को भोजन उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन हमारे किसानों ने इस कठिनाई को पार किया और भारत को आत्मनिर्भर बनाया. मोदी किसानों के साथ एक दीवार की तरह खड़े हैं और उनके हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे.”
अमेरिका से व्यापारिक गतिरोध
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर विवाद गहराया हुआ है. अमेरिका लगातार दबाव बना रहा है कि भारत अपने कृषि और डेयरी बाजार को विदेशी उत्पादों के लिए खोले. लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों की सुरक्षा और उनकी आजीविका को प्रभावित करने वाला कोई भी समझौता स्वीकार नहीं होगा. इसी मुद्दे पर गतिरोध के चलते अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है और साथ ही रूस से भारत द्वारा तेल खरीद जारी रखने पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है. व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध में मास्को की मदद रोकने के लिए उठाया गया है.
टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर भारत की छलांग
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि 21वीं सदी पूरी तरह टेक्नोलॉजी संचालित है और भारत भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं रहेगा. उन्होंने ऐलान किया कि इस वर्ष के अंत तक भारत में निर्मित सेमीकंडक्टर चिप्स बाजार में उपलब्ध होंगी. यह कदम न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा मील का पत्थर होगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति भी मजबूत करेगा.
ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक निवेश
मोदी ने बताया कि भारत तेजी से अपनी ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज हम जानते हैं कि हमारी ऊर्जा जरूरतें अभी भी कई देशों पर निर्भर हैं, लेकिन आत्मनिर्भर भारत के लिए ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्रता हासिल करना जरूरी है. प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि बीते 11 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 30 गुना बढ़ चुकी है. इसके अलावा हाइड्रोजन ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी कई नई पहलें की जा रही हैं.
परमाणु ऊर्जा क्षमता में दस गुना वृद्धि का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वर्तमान में दस नए परमाणु रिएक्टर काम कर रहे हैं और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में और बड़े कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने लक्ष्य रखा कि जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब तक देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता मौजूदा स्तर से दस गुना अधिक हो जाएगी.


